मोबासिर का रोल मॉडल पिता शफीक
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कदमा के बीएच एरिया के रहने वाले मोबासिर रहमान का रोल मॉडल कोई और नहीं, बल्कि उनके पिता मोबासिर रहमान हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कदमा के बीएच एरिया के रहने वाले मोबासिर रहमान के रग-रग में फुटबॉल दौड़ता है। फुटबॉल से जुनून के हद तक प्यार करने का जज्बा उन्हें विरासत में मिली है। मोबासिर के पिता शफीक टाटा स्टील फुटबॉल टीम के कोच हैं। मोबासिर ने कहा कि उनका रोल मॉडल तो पिता शफीक ही है। उनके मार्गदर्शन के बिना यहां तक पहुंचना संभव नहीं होता। सात साल की उम्र में ही फुटबॉल से प्यार हो गया। मां शबनम रहमान को यह चिंता सताती थी कि बेटा पढ़ता नहीं है। जब भी बाप-बेटे घर में एक साथ होते तो सिर्फ फुटबॉल की ही बाते हुआ करती। यह सब देख मां को चिढ़ होती थी। परीक्षा के समय जब नहीं पढ़ता तो मां की डांट पड़ती। मां को लगता था बेटा पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बने, लेकिन एक बार मोबासिर ने ठान लिया कि उसे पेशेवर फुटबॉलर बनना है तो फिर मां की चाहत भी बौना हो गया। पिता शफीक ने मोबासिर को 12 साल की उम्र में चंडीगढ़ फुटबॉल अकादमी में दाखिला करा दिया। वहां पढ़ाई के साथ-साथ फुटबॉल की ट्रेनिंग लेने लगे। चार साल के बाद जब मोबासिर वहां से बाहर निकले तो उनका खेल में काफी बदलाव आ गया था। पिता को भी अपने इस पुत्र पर गर्व था। इसी बीच टाटा फुटबॉल अकादमी के चयन ट्रायल में मोबासिर ने भाग लिया और उनका चयन हो गया। कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै से स्नातक कर रहे 21 वर्षीय मोबासिर रहमान फिलहाल जेएफसी रिजर्व्स में है। हालांकि केरला ब्लास्टर्स से भी ऑफर आया था, लेकिन उन्होंने होम टीम के साथ ही रहने का फैसला किया।