पूर्व विधायक सुखराम उरांव ने छोड़ी भाजपा, प्रदेश अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
सुखराम उरांव ने प्रदेश अध्यक्ष व चाईबासा के सांसद लक्ष्मण गिलुवा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण गिलुवा की वजह से वे पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे।
जमशेदपुर/चक्रधरपुर(जेएनएन)। चुनाव को लेकर कील-कांटा दुरूस्त करने में जुटी भारतीय जनता पार्टी को कोल्हान में जबर्दस्त झटका लगा है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे पूर्व विधायक सुखराम उरांव ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है। हालांकि, उन्होंने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनका अगला कदम क्या होगा।
रविवार को भाजपा से नाता तोड़ने की घोषणा करते हुए सुखराम उरांव ने प्रदेश अध्यक्ष व चाईबासा के सांसद लक्ष्मण गिलुवा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण गिलुवा की वजह से वे पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे। गिलुवा लगातार उनकी उपेक्षा तो कर ही रहे थे, व्यक्तिगत दुश्मनी भी निकाल रहे थे। इधर हद यह होने लगी कि गिलुवा सार्वजनिक तौर पर उनके खिलाफ बयानबाजी करने लगे। सुखराम ने कहा कि वे शाम को प्रदेश अध्यक्ष के घर जाकर इस्तीफा पत्र सौंप आएंगे। आगे क्या करेंगे? सुखराम ने कहा कि उन्होंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। पहले पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों संग बैठक करेंगे और उनसे रायशुमारी कर अगला कदम उठायेंगे।
अर्जुन मुंडा ने लाया था भाजपा में
सुखराम उरांव ने वर्ष 2013 में भाजपा का दामन थामा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने चाईबासा में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा में शामिल कराया था। सुखराम ने आजसू से राजनीति की शुरुआत की थी। उन्होंने 2004 में आजसू के टिकट पर चाईबासा में लोकसभा चुनाव लड़ा था। बाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा झामुमो में शामिल हुए और 2005 में झामुमो के टिकट पर चक्रधरपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा। 2009 में भी वे चक्रधरपुर से झामुमो के प्रत्याशी थे। 2009 में सुखराम की पत्नी नवमी उरांव को भी झामुमो ने मनोहरपुर क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था। नवमी उरांव 2014 में चक्रधरपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी।