टाटा स्टील के लाइम प्लांट में रात सवा दो बजे टिप्पलर में फंस कर स्थायी कर्मचारी की मौत
टाटा स्टील के लाइम प्लांट में मंगलवार की रात सवा दो बजे वैगन टिप्पलर में फंसने से स्थायी कर्मचारी अनिल कुमार उपाध्याय (52) की दर्दनाक मौत हो गई।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। टाटा स्टील के लाइम प्लांट में मंगलवार की रात सवा दो बजे वैगन टिप्पलर में फंसने से स्थायी कर्मचारी अनिल कुमार उपाध्याय (52) की दर्दनाक मौत हो गई। इस दुर्घटना पर मृतक के परिजनों ने अनिल की हत्या का आरोप कंपनी प्रबंधन पर लगाया है।
अनिल मंगलवार को नाइट शिफ्ट ड्यूटी में थे। लाइम प्लांट में उनका काम रेलवे वैगन टिप्पलर से आने वाले लाइम मटेरियल (चूना पत्थर) को खाली करवाना था। लेकिन वे टिप्पलर की चपेट में आ गए। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद कंपनी के वरीय अधिकारी और बिष्टुपुर थाने की टीम मौके पर पहुंची। वहीं, कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (स्टील मैन्युफैक्चङ्क्षरग) सुधांशु पाठक, वाइस प्रेसिडेंट (सेफ्टी) संजीव पॉल सहित टाटा वर्कर्स यूनियन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और दुर्घटना स्थल का जायजा लिया। टाटा स्टील प्रबंधन ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच का निर्देश दिया है। टाटा स्टील में इस नए वित्तीय वर्ष में यह पहली जानलेवा दुर्घटना है।
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक अनिल कुमार उपाध्याय की पत्नी नीलम उपाध्याय और उनके भतीजे अंकित पांडेय ने कंपनी प्रबंधन पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि घटना रात सवा दो बजे हुई लेकिन उन्हें दुर्घटना की सूचना सुबह छह बजे दी गई। उनके शरीर पर खून के निशान है और छाती की चार पसलियां टूटी हुई है जो उनकी हत्या की ओर इशारा करती है। अनिल अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी पीछे छोड़ गए हैं। उन्होंने जुलाई 2011 में ही टाटा स्टील में अपने पिता के जॉब फॉर जॉब द्वारा नौकरी ज्वाइंन की थी।