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राज्य में 1257 कनीय अभियंताओं की होगी बहाली : सीपी सिंह

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : राज्य के नगर विकास विभाग में 1257 कनीय अभियंताओं की बहाली होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 May 2018 08:00 AM (IST)
राज्य में 1257 कनीय अभियंताओं  की होगी बहाली : सीपी सिंह
राज्य में 1257 कनीय अभियंताओं की होगी बहाली : सीपी सिंह

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : राज्य के नगर विकास विभाग में 1257 कनीय अभियंताओं की बहाली होगी। इसके लिए विभाग ने नए पद सृजित किए हैं। बहाली के लिए विभाग की ओर से कैंपस सेलेक्शन किया जाएगा। इसमें झारखंड के रहने वाले वे विद्यार्थी भी भाग ले सकेंगे जो राज्य या राज्य के बाहर रहकर एआइसीटीसी मान्यता प्राप्त संस्थान से इंजीनियरिंग या डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे हैं। यह जानकारी राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने दी। वे गुरुवार को सर्किट हाउस में संवाददाताओं के बात कर रहे थे।

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होल्डिंग टैक्स से कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे सकते

होल्डिंग टैक्स बढ़ाए जाने के सवाल पर मंत्री ने सवाल किया कि क्या नगर निकाय को आत्मनिर्भर होने का हक नहीं है? उन्होंने कहा कि राज्य में 25 वषरें के बाद होल्डिंग टैक्स बढ़ाया गया है। अगर प्रतिवर्ष इसकी बढ़ोत्तरी होती तो लोगों को कष्ट नहीं होता। विभाग ने नागरिक सुविधाओं के लिए पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं जिसके बदले होल्डिंग टैक्स के मद में सरकार को एक सौ करोड़ रुपये ही मिले हैं। मंत्री ने बताया कि होल्डिंग टैक्स की राशि से साफ-सफाई, सड़क, नाली, कर्मचारियों का वेतन आदि का भुगतान नहीं हो सकता है।

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दुर्घटनावाले क्षेत्रों को चिन्हित कर उसे ठीक किया जाएगा

मंत्री ने कहा कि राज्य में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 4500 लोगों की मृत्यु हो रही है। इसे रोकने के लिए दुर्घटना वाले ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उसे ठीक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग ने एक देश एक टैक्स फॉर्मूले के तहत राज्य के सभी चेकपोस्ट खत्म कर दिए हैं। उन्होंने गुवाहाटी में देश के सभी राज्यों के परिवहन मंत्रियों की बैठक में देश के सभी राज्यों में एक समान परिवहन टैक्स का सुझाव दिया है, जिसे कई राज्यों के मंत्रियों का समर्थन मिला है। टैक्स बचाने के लिए लोग कम टैक्स लगने वाले राज्यों से वाहनों का निबंधन करवाते हैं। ई रिक्शा परिचालन के सवाल पर उनका कहना था कि ई रिक्शा के उपयोगिता को लेकर सर्वे किया जा रहा है। जिसमें यह देखा जा रहा है कि उसकी जरुरत कितनी है और उससे ट्रैफिक व्यवस्था पर कितना दबाव पड़ सकता है। सर्वे के बाद जहां जरूरत होगी वहां इस सेवा को लागु किया जाएगा।


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