लोकायुक्त 18 जनवरी को करेंगे करोड़ों के डस्टबिन मामले की सुनवाई
करोड़ों की डस्टबिन खरीद मामले की सुनवाई अब लोकायुक्त करेंगे। लोकायुक्त कार्यालय में शिकायतकर्ता को 18 जनवरी को उपस्थित होने को कहा गया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। स्वच्छता अभियान के लिए करोड़ों की डस्टबिन खरीद मामले की सुनवाई अब लोकायुक्त करेंगे। इसके लिए लोकायुक्त कार्यालय में शिकायतकर्ता को 18 जनवरी 2019 को दस्तावेजों के साथ उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है।
कुल 3350 पीस डस्टबिन की खरीद जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की ओर से की गई। डस्टबिन का उत्पादन व विपणन करनेवाली देश की चुनिंदा कंपनियों के रेट लिस्ट से मिलान करने पर प्रति डस्टबिन दो हजार से लेकर सात हजार तक का अंतर पाया गया था। इस संबंध में एक गैर सरकारी संगठन बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान की ओर से लोकायुक्त से शिकायत के बाद पूर्वी सिंहभूम के एडीसी सौरभ सिन्हा ने मामले की जांच की थी।
यह है पूरा मामला
जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की ओर से शहर के विभिन्न स्थानों पर डस्टबिन रखने की योजना बनाई गई। डस्टबिन खरीद के लिए जेएनएसी की ओर से प्रक्रिया के तहत तीन एजेंसियों को ठेका दिया गया। इन एजेंसियों का काम कंपनियों से डस्टबिन लेकर आपूर्ति करने का था। नियमत: सबसे कम रेट पर सप्लाई करनेवाली ऐजेंसी को ही ठेका दिया जाना चाहिए। जिन तीन एजेंसियों ने सप्लाई की उनके डस्टबिन के रेट उससे काफी ज्यादा थे जो नीलकमल, कैंपस, नैस जैसी कंपनियों के रेट आधिकारिक तौर पर जारी किए गए हैं।
जांच रिपोर्ट पर दर्ज कराई गई आपत्ति
एडीसी की जांच रिपोर्ट लोकायुक्त की ओर से शिकायतकर्ता भेज टिप्पणी मांगी गई थी। शिकायतकर्ता सदन कुमार ठाकुर ने विगत 8 सितंबर को भेजे गए जवाब में जांच की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी।
ये थीं आपत्तियां
- जांच अधिकारी ने खुद जांच करने के बजाए जमशेदपुर अक्षेस के विशेष अधिकारी के प्रतिवेदन को ही अग्रसारित कर दिया।
- जांच के दौरान न तो स्थलीय निरीक्षण किया गया और न ही आपूर्तिकर्ताओं, विशेष पदाधिकारी या दर निर्धारण समिति से बयान लिया।
- इस बात का कहीं उल्लेख नहीं कि आपूर्तिकर्ता ने अक्षेस के निर्धारित दर पर आपूर्ति के लिए सहमति दी या नहीं।
- जांच रिपोर्ट में दरदाताओं की ओर से प्रस्तुत दर का कोई उल्लेख नहीं
-जांच रिपोर्ट में 150 लीटर क्षमता वाले डस्टबिन की आपूर्ति नहीं करने व कार्यालय भूलवश सूचना देने की बात कही गई। इसके बावजूद 32,37,500 का भुगतान किया गया। इसकी जांच नहीं की गई।
- निविदा समिति की कार्रवाई रिपोर्ट में एस एंटरप्राइजेज के नाम का जिक्र नहीं, फिर भी उक्त एजेंसी से आपूर्ति ली गई और भुगतान किया गया।
- निविदा की संपूर्ण जानकारी नहीं दी गई।
- नीलकमल, सिंटेक्स इंडस्ट्री लिमिटेड से 100 लीटर, 150 लीटर व 200 लीटर क्षमता वाले डस्टबिन का दर मंगवाए बिना दर का निर्धारण किया गया।