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गजब की हेराफेरीः बिहार के फर्जी सर्टिफिकेट से चल रहीं झारखंड की दवा दुकानें, जानिए

Drug shops with fake certificate. झारखंड राज्य में कुल 16 हजार 200 दवा दुकानें संचालित हो रही हैं। जबकि काउंसिल से सिर्फ पांच हजार 700 फार्मासिस्ट ही रजिस्टर्ड हैं। 10 हजार 500 फार्मासिस्ट अभी भी रजिस्टर्ड नहीं हैं जो जांच का विषय है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 11:13 AM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 01:58 PM (IST)
गजब की हेराफेरीः बिहार के फर्जी सर्टिफिकेट से चल रहीं झारखंड की दवा दुकानें, जानिए
बिहार के सर्टिफिकेट से झारखंड की दवा दुकानें चल रही हैं।

जमशेदपुर, अमित तिवारी। बिहार के सर्टिफिकेट से झारखंड की दवा दुकानें चल रही हैं। सुनकर भरोसा नहीं होता लेकिन यह सोलह आने सच है। ऐसी दुकानों की संख्या एक-दो नहीं बल्कि हजारों में है। जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। अब कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।

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इसकी शिकायत अब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता व पूर्वी सिंहभूम जिले के डीसी सूरज कुमार से भी की गई है। ऐसे में अब वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है। झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल के सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य में कुल 16 हजार 200 दवा दुकानें संचालित हो रही हैं। जबकि काउंसिल से सिर्फ पांच हजार 700 फार्मासिस्ट ही रजिस्टर्ड हैं। 10 हजार 500 फार्मासिस्ट अभी भी रजिस्टर्ड नहीं हैं, जो जांच का विषय है। इधर, अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने डीसी सूरज कुमार को जमशेदपुर शहरी क्षेत्र के 78 दवा दुकानों की सूची सौंपी है, जिनके फार्मासिस्ट की डिग्री फर्जी होने का दावा किया गया है। वहीं, 32 दुकान बिना फार्मासिस्ट के ही चल रही है।

बड़े-बड़े दुकानों के नाम भी शामिल

डीसी को सौंपी गई सूची में जमशेदपुर केमिस्ट एसोसिएशन के बड़े पदाधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। अगर जांच हुई तो बड़ा खुलासा होने की संभावना है। सूची में दुकान के नाम, दुकान संख्या, एरिया व जिसके नाम से संचालित हो रही है, उन सभी का नाम दर्ज है। एरिया में साकची, एग्रिको, बिष्टुपुर, टेल्को, सिदगोड़ा, बारीडीह, मनीफीट, खंड़गाझार, रामलीला मैदान साकची, कागलनगर सोनारी, काशीडीह, बर्मामाइंस मार्केट, गोलमुरी मार्केट, चांदनी चौक छोटा गोविंदपुर, बारीडीह मार्केट, भुइयांडीह लक्ष्मीनगर, कदमा शास्त्रीनगर सहित अन्य क्षेत्र के दवा दुकान शामिल हैं।

सरकारी राजस्व को भी चूना लगा रहे जाली फार्मासिस्ट

झारखंड काउंसिल में हर साल सभी फार्मासिस्टों को नवीकरण कराना अनिवार्य है। इसके एवज में 125 रुपये फीस जमा करना होता है। वहीं, रजिस्ट्रेशन कराने का फीस 220 रुपये निर्धारित है लेकिन लगभग दस हजार से अधिक फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। ऐसे में वह मरीजों की जान से खिलवाड़ करने के साथ-साथ सरकार के राजस्व को चूना भी लगाने का कार्य कर रहे हैं।

इनकी सुनें

जमशेदपुर में गलत ढंग से दवा दुकानें संचालित हो रही है। फर्जी सर्टिफिकेट के साथ-साथ बिना फार्मासिस्ट के भी दुकानें संचालित हो रही है। वैसे दुकानों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए डीसी को सूची सौंपा गया है।

- पियुष चटर्जी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन।

झारखंड फार्मेसी काउंसिल से सभी फार्मासिस्टों को रजिस्ट्रेशन कराना है। साथ ही हर साल नवीकरण कराना भी अनिवार्य है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यहां बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन के ही फार्मासिस्ट दवा दुकानें चला रहे हैं।

- धर्मेंद्र सिंह, सदस्य, झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल।


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