नशे के धंधेबाज बढ़ा रहे अपराध का ग्राफ
नशे की बढ़ती प्रवृति ने शहर में अपराध का ग्राफ बढ़ दिया है। नशे की लत को पूरी करने के लिए नशेड़ी हर हद को पार कर जाते हैं। वे घृणित अपराध करने से भी बाज नहीं आते हैं। चोरी, छिनतई और घरेलू ¨हसा वारदात का मुख्य कारण बना हुआ है। वहीं युवा मौज-मस्ती और महंगे शौक को पूरा करने के लिए अपराध की राह पकड़ रहे हैं।
अन्वेष अंबष्ट, जमशेदपुर : नशे की बढ़ती प्रवृति ने शहर में अपराध का ग्राफ बढ़ दिया है। नशे की लत को पूरी करने के लिए नशेड़ी हर हद को पार कर जाते हैं। वे घृणित अपराध करने से भी बाज नहीं आते हैं। चोरी, छिनतई और घरेलू ¨हसा वारदात का मुख्य कारण बना हुआ है। वहीं युवा मौज-मस्ती और महंगे शौक को पूरा करने के लिए अपराध की राह पकड़ रहे हैं।
शहर में हाल के दिनों में छिनतई और चोरी में पकड़े गए युवाओं ने पुलिस के सामने पूछताछ में कुछ ऐसा ही बयां किया है। कुछ माह पहले मोबाइल, पर्स और चेन छिनतई में पकड़े गए 21 युवा पकड़े गए थे। इसमें कुछ ने पढ़ाई छोड़ दी थी और कुछ पढ़ाई कर रहे थे। ये सभी ब्राउन शुगर और गांजा की लत को पूरा करने के लिए छिनतई के वारदात को अंजाम दे रहे थे। इस गिरोह से पूरा शहर परेशान है।
परसुडीह, सुंदरनगर व आरआइटी में खुलेआम बिक्री हो रहे नशीला पदार्थ परसुडीह, सुंदरनगर, आरआइटी समेत कई इलाके में चोरी में पकड़े गिरोह के सदस्यों ने बताया कि नशीला पदार्थ कहां से उपलब्ध होता है। शराब ही नहीं बल्कि ब्राउन शुगर, गांजा, अफीम, डोडा जैसे नशीले पदार्थ शहर में उपलब्ध हैं। ये नशा एक बार मुंह लगने के बाद पूरी तरह व्यक्ति को अपने आगोश में ले लेता है और पैसे के अभाव में नशा न मिला तो नशे की आदत पाला व्यक्ति अपराध करने से नहीं चूकता। शहर में लंबे समय बाद एक बार फिर ब्राउन शुगर का धंधा करने वाले सक्रिय हो गए है। केंद्र जुगसलाई और आदित्यपुर का इलाका बना हुआ हैं।
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जैसा ग्राहक, वैसी कीमत
ड्रग्स का धंधा करने वाले युवकों को टारगेट करते हैं। धंधा करने वाले सामने वाली की सूरत और कपड़े देखकर कीमत वसूलते हैं। इनके सैंकड़ों रेगुलर कस्टमर हैं। जुगसलाई और आदित्यपुर में दस से अधिक जगहों पर ऐसी व्यवस्था जहां जितना रुपये उतना ही माल मिलता। करीब एक दशक बाद ब्राउन शुगर का धंधा शहर में शुरू हुआ है।
बिष्टुपुर इंस्पेक्टर श्रीनिवास ने छिनतई करने वाले रवि और उसके सहयोगी को शनिवार को पकड़ा था। दोनों ने बताया कि आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती से ब्राउन शुगर लाते थे और नशा करते थे। वहां तीन महिला नशे के धंधे में शामिल हैं। 50 से 150 रुपये तक एक-एक पुड़िया उपलब्ध हो जाती है। माल की बिक्री चलते-फिरते झोला में रखकर की जा रही है।
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पुलिस को छोड़ सभी को पता
नशे का कारोबार खुलेआम जारी है। कहां-कहां नशे का धंधा हो रहा है और कौन कर रहा है, यह पुलिस को छोड़कर सब जानते हैं। संबंधित थाना क्षेत्र की गली-गली में रहने वाली आम जनता को उनका पता-ठिकाना मालूम है। उन तक पुलिस क्यों नहीं पहुंच पाती है, यह समझ के परे है।
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कहां क्या मिलता है
स्टेशन क्षेत्र में युवाओं के साथ नाबालिग और छोटे-छोटे बच्चे मुंह और नाक में कपड़े लगाए घूमते देखे जाते हैं। सभी सुलेशन, व्हाइटनर, थिनर और डेंड्राइट कपड़े में उड़ेल कर इसे सूंघते हैं। इनमें अधिकांश स्टेशन में पॉकेटमारी करते हैं। बागबेड़ा, मानगो और जुगसलाई में गांजा सर्वसुलभ है। डोडा गोलमुरी के टूइलाडुंगरी, दस नंबर बस्ती और सटे इलाके में इसकी बिक्री होती है। आजादनगर, कपाली और मानगो में नशे का टेबलेट, कफ सिरप आदि बड़े आराम से मिल जाते हैं।