पूर्व क्रिकेटरों ने चंदाकर धौनी का बकाया चुकता किया
वैसे तो झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) व विवादों का वर्षों पुराना नाता रहा है। इस बार क्रिकेट के कोहिनूर कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धौनी से जुड़ा विवाद जेएससीए के लिए गले की हड्डी बन गई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : वैसे तो झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) व विवादों का वर्षों पुराना नाता रहा है। इस बार क्रिकेट के कोहिनूर कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धौनी से जुड़ा विवाद जेएससीए के लिए गले की हड्डी बन गई। 30 अगस्त को संघ की वार्षिक आम बैठक में सालभर का लेखा प्रस्तुत किया गया। इसमें 800 करोड़ रुपये की सालाना कमाई करने वाले महेंद्र सिंह धौनी के नाम पर 1800 रुपये बकाया दिखाया गया था। जेएससीए के आय-व्यय ब्यौरा के अनुसार उन्होंने दस हजार रुपये की सदस्यता राशि जमा की थी। उसी के एवज में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के मद में बकाया दिखाया गया।
विवाद के बारे में पता चलते ही पूर्व क्रिकेटर समूह हरकत में आया और संयोजक शेषनाथ पाठक शनिवार को 1800 रुपये का चेक लेकर कीनन स्टेडियम स्थित झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यालय में पहुंच गए। शेषनाथ पाठक ने बताया कि यह रकम पूर्व क्रिकेटरों व दोस्तों से चंदाकर जुटाई है। पहले तो कार्यालय में उपस्थित कर्मचारी ने चेक लेने में आनाकानी की। फिर कहा, एक पत्र लिखकर इसके साथ संलग्न करें। क्रिकेटरों ने पत्र के साथ चेक जेएससीए कार्यालय में जमा कर दिया। शेषनाथ पाठक ने बताया कि कीनन स्टेडियम, जहां राज्य संघ का मुख्यालय है, वह महेंद्र सिंह धौनी की कर्मभूमि रही है। उन्होंने यहीं से खेलकर अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी। वह हम सभी क्रिकेटरों के प्रेरणास्रोत हैं। विश्व के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में शुमार महेंद्र सिंह धौनी का इस तरह का अपमान करना सरासर गलत है। करोड़ों की कमाई करने वाला झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन क्या अपने खिलाड़ी का बकाया भी माफ नहीं कर सकता है। इस घटना ने धौनी को नहीं, बल्कि जेएससीए को शर्मसार किया है। सौभाग्य से राज्य संघ के अध्यक्ष डॉ. नफीस अख्तर जमशेदपुर के ही रहने वाले हैं। ऐसे में उन्हें भी हमारे इस पुनीत कार्य में सहयोग करना चाहिए। इस मौके पर आनंद राव, सुप्रियो बोस, अंकित कुमार, अमित कुमार व विकास सहित अन्य मौजूद थे।