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डॉक्टर हॉस्टल में फैला डेंगू-मलेरिया व टाइफाइड, तीन चपेट में

शहर में डेंगू का खौफ बढ़ गया है। बीते शुक्रवार को डेंगू से एक मरीज की मौत होने के बाद शहर में हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार को आनन-फानन में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसएन झा और उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी से मिलकर चिंता जाहिर की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 08:33 PM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 08:33 PM (IST)
डॉक्टर हॉस्टल में फैला डेंगू-मलेरिया व टाइफाइड, तीन चपेट में

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर में डेंगू का खौफ बढ़ गया है। बीते शुक्रवार को डेंगू से एक मरीज की मौत होने के बाद शहर में हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार को आनन-फानन में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसएन झा और उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी से मिलकर चिंता जाहिर की है।

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पदाधिकारियों ने कहा कि उनके साकची स्थित हॉस्टल में एक साथ डेंगू, मलेरिया व टाइफाइड फैला हुआ है। अब तीन जूनियर डॉक्टर इसके चपेट में आ चुके हैं। इसमें डॉ. पीहू (डेंगू), डॉ. अभय कुमार (मलेरिया) व डॉ. सेतु सिंह (टाइफाइड) से पीड़ित हैं। उनका इलाज शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उनके हॉस्टल की स्थिति नर्क से भी बदतर है। यहां न तो शौचालय में पानी आ रहा है और न ही मग है। हॉस्टल परिसर में दो बड़े गड्डे खोद कर छोड़ दिए गए हैं। जिससे मच्छर मलेरिया, डेंगू जैसे जानलेवा रोग फैला रहे हैं।

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38 मरीजों की हो चुकी है पुष्टि

पूर्वी सिंहभूम जिले में अबतक 38 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। शनिवार को आई जांच रिपोर्ट में दो डेंगू व एक जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) मरीज की पुष्टि हुई। इनमें दो मरीज गोलमुरी स्थित नामदा बस्ती के रहने वाले हैं। वहीं जेई का मरीज सरायकेला-खरसावां जिले का निवासी है। तीनों मरीज का इलाज टाटा मोटर्स व टीएमएच अस्पताल में चल रहा है। जिले में अबतक 36 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है। जबकि बीते वर्ष कुल 457 मरीज सामने आए थे।

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जिला सर्विलांस विभाग ने तलब की मृतक की रिपोर्ट

शुक्रवार को जुगसलाई पोस्ट ऑफिस परिसर में रहने वाले संतोष मिश्रा के पुत्र हर्ष (12) की मौत टाटा मुख्य अस्पताल में डेंगू से हो गई थी। हालांकि, उसकी सरकारी लैब में जांच नहीं हुई थी। इस कारण से जिला सर्विलांस विभाग ने उसे मानने से इन्कार कर दिया है। साथ ही टीएमएच प्रबंधन ने मरीज से संबंधित पूरा रिपोर्ट मांगी है।

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जूनियर डॉक्टरों के हॉस्टल में कई खामियां है। उसका प्राक्कलन तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। वहां से अभी तक फंड नहीं आया है। फंड आते ही हॉस्टल कमियां दूर कर दी जाएंगी।

- डॉ. एसएन झा, अधीक्षक, एमजीएम।

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डेंगू रोग के प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। विभाग अपने स्तर से भरपूर कोशिश कर रहा है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि उससे बचाने के उपाय पर काम करने की आवश्यकता है।

- डॉ. साहिर पॉल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।

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