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निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, काला बिल्ला लगाकर कर रहे हैं काम

Demonstration of bank employees. केंद्र सरकार ने बजट में सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण करने की घोषणा की है। इसके खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स देश भर में विरोध प्रदर्शन् और चरणबद्ध आंदोलन कर रही है।सोमवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 05:40 PM (IST)
पूरे देश के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सोमवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया।

जासं, जमशेदपुर : केंद्र सरकार ने बजट में सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण करने की घोषणा की है। इसके खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स देश भर में विरोध प्रदर्शन् और चरणबद्ध आंदोलन कर रही है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे देश के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सोमवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया। इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने बैंक में आने वाले ग्राहकों के बीच पर्चा भी वितरित कर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ समर्थन करने की मांग की। बैंक यूनियन ने निजीकरण व सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के खिलाफ 15 व 16 मार्च को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की घोशणा की है। इसे लेकर बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन व नुक्कड़ नाटक कर रहे हैं। बैंक यूनियन के शीर्ष नेतृत्व का कहना है कि सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बैंकों को निजी हांथो में सौंपना चाहती है। आज जब बैंक ऑपरेटिंग प्रॉफिट मे है तो इसे बेचने का कोई औचित्य नही है। जरूरत इस बात कि है केंद्र सरकार बड़े औद्योगिक घराने और बड़े व्यापारियों को जो धनराशि दी है और जिसे उद्यमियों ने वापस नहीं किया या बिना वापस किए देश छोड़कर भाग गए। ऐसी एनपीए हो चुकी राशि की रिकरी करे। यदि एनपीए की पूरी राशि रिकवरी हो जाती है तो बैंक अपने आप मजबूत हो जाएगी। यूनियन नेताओं का कहना है कि वर्ष 1979 से पहले बैंक निजी हाथों में ही थे और पूंजीपति आम जनता की जमा पूंजी का उपयोग अपने निजी लाभ के लिए करते थे। अब निजीकरण कर सरकार एक बार फिर वही पुरानी स्थिति को कायम करना चाहती है।

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