मानसून की बेरूखी से नहीं हो सकी धान की रोपनी jamshedpur news
मानसून की बेरूखी के कारण पूर्वी सिंहभूम जिला में धान रोपनी का शुरू नहीं हो सका है। यहां रोपनी और छिटा दोनों ही विधि से धान की खेती की जाती है।
जमशेदपुर (दिलीप कुमार)। मानसून की बेरूखी के कारण पूर्वी सिंहभूम जिला में धान रोपनी का शुरू नहीं हो सका है। यहां रोपनी और छिटा दोनों ही विधि से धान की खेती की जाती है। जिला में कुल एक लाख दस हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की जाती है। मानसून की पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण इस वर्ष अबतक मात्र 20390 हेक्टेयर भूमि पर ही धान की खेती हुई है। इसमें धान की रोपनी मात्र 2062 हेक्टेयर में ही की जा सकी है। बाकि 18328 हेक्टेयर भूमि पर छिटा विधि से धान की खेती की जा रही है।
जानकारी किसानों का कहना है कि आने वाले एक सप्ताह में अगर बारिश नहीं होती है तो धान की फसल बुरी तरह से प्रभावित होगी। समय पर बारिश नहीं होने से क्षेत्र में सुखाड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। मानसून के रूठने से क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें झलकने लगी है। धान के अलावा मक्का, दलहन, तेलहन और मोटे अनाज की खेती में भी जिला निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे है। जिला क्षेत्र में मक्का की खेती 61 प्रतिशत, दलहन की 42, तेलहन की 18 और माटे अनाज की खेती मात्र पांच प्रतिशत ही की जा सकी है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत बांटे गए बीज
पूर्वी सिंहभूम जिला में कुल 430 हेक्टेयर में खरीफ फसल की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अनुरूप 11 प्रखंडों में किसानों के बीच राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत दलहन के बीज मूंग नौ क्विंटल, अरहर 16 क्विंटल, उरद 32 क्विंटल, धान नौ क्विंटल और मक्का 16 क्विंटल वितरीत की गई है।
जिला में खेती की स्थिति
फसल - लक्ष्य - आच्छादन - प्रतिशत
धान - 110000 - 20390 - 18.54
मक्का - 11820 - 7210 - 61
दलहन - 22200 - 9324 - 42
तेलहन - 2650 - 477 - 18
मोटे अनाज - 1190 - 60 - 5
(लक्ष्य हेक्टेयर में)
जुलाई माह का वर्षापात
माह का सामान्य बारिश - 316.4 मिमी
माह का वास्तविक बारिश - 104.6 मिमी
प्रखंडवार बारिश का आंकड़ा मिमी में
जमशेदपुर : 114
पोटका : 38.6
पटमदा : 156.2
बोड़ाम : 156.2
मुसाबनी : 82.2
ड़ुमरिया : 44
घाटशिला : 129.2
धालभूमगढ़ : 136.2
चाकुलिया : 121.2
बहरागोड़ा : 92
गुड़ाबांधा : 59.2