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Happy Deepawali : बच्चों की दीपावली को खास बनाते मिट्टी से बने खिलौने Jamshedpur News

बच्चों की दीपावली को खास बनाते हैं मिट्टी से बने खिलौने। इस दिवाली भी हर साल की तरह अपने बच्चों के लिए मिंट्टी के खिलौने जरूर खरीदें। शहर भर में इनकी दुकानें लगी हैं।

By Edited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 05:10 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 02:08 PM (IST)
Happy Deepawali : बच्चों की दीपावली को खास बनाते मिट्टी से बने खिलौने Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। Happy Deepawali इस दिवाली भी हर साल की तरह अपने बच्चों के लिए मिंट्टी के खिलौने जरूर खरीदें। शहर भर में इनकी दुकानें लगी हैं। साकची शीतला मंदिर के पास सड़क पर मिंट्टी के खिलौने बेच रहे रमेश कुमार कहते हैं-'अब पहले की तरह इन खिलौने की बिक्री नहीं होती।

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हर साल इसकी बिक्री कम होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण बच्चों में इसकी लोकप्रियता कम होना है। हालांकि अब भी कुछ लोग इसको नियम के लिए खरीदते हैं।' रमेश इन खिलौनो को खुद तैयार करते हैं। इसके तैयार होने पर उनकी पत्नी इन्हे रंगती हैं। एक खिलौने को तैयार होने में 8 से 10 दिन का समय लगता है।

खिलौनों के दाम

मिंट्टी का हाथी 30 रुपये से 70 रुपये

मिंट्टी का घोड़ा 20 रुपये 50 रुपये

मिंट्टी का गिलास 10 रुपये

मिंट्टी का चुक्का 15 रुपये

नी के खिलौनों की डिमांड बरकरार

दीपावली में चीनी के खिलौनों की मिठास काफी अरसे से बरकरार है। इसकी परंपरा अब भी कायम है। काशीडीह में तीन पीढि़यों से इस कारोबार से जुड़े सुशींद्र कुमार बताते हैं -'हर साल कारोबार घट रहा है। पहले इन खिलौने के लिए बच्चे टूट पड़ते थे, पर अब इन्हें कोई नहीं देखता। इस चीनी खिलौनों को दीपावली में पूजा के समय प्रसाद के रुप में चढ़ाया जाता है। 10 किलो चीनी से 9 किलो तक का खिलौना तैयार किया जाता है। वहीं साकची शीतला मंदिर के पास चीनी खिलौना बेचने वाले ह्यूंमपाइप बस्ती निवासी मनोज दास ने बताया कि वे चीनी खिलौने को मानगो से खरीद कर लाते हैं। वहीं लावा की खरीददारी कोलकाता से की जाती है।

 ये है कीमत

चीनी खिलौने 120 रुपये किलो

लावा 120 रुपये किलो

बताशा 80 रुपये किलो

बाजार में एक से बढ़कर एक दीपावली घर

बाजार में एक से बढ़कर एक दीपावली घर बेचे जा रहे हैं। इसे थर्मोकोल से बनाया गया है। इसकी कीमत 100 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक है। बिष्टुपुर स्थित जी टाउन कल्ब के पास दीपावली घर बेचने वाले रवि ने बताया कि दीपावली घर उसकी छोटी बहन बनाती है। इसके लिए वह थर्मोकोल की खरीददारी खुद ही करती है। बस वह उसे बेचने का काम करता है। रवि के पास छोटे दीपावली घर से लेकर बड़े बड़े दीपावली घर मौजूद थे। इस काफी अच्छी तरह से सजाया गया है। कुछ घर ऐसे भी है जिनमें एलईडी लाइट का प्रयोग किया गया है।


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