शहर की 80 फीसद डीप बोरिग खराब
शहर भर में तकरीबन 150 ऐसी डीप बोरिग हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर भर में तकरीबन 150 ऐसी डीप बोरिग हैं। इसमें से 80 फीसद खराब पड़ी हुई हैं। इनमें से किसी की मोटर जली हुई है तो किसी की बोरिग से पानी नहीं निकल रहा है। गर्मी में शहर के गैर कंपनी इलाकों में जल संकट है लेकिन, नगर निकाय के इंजीनियर इन डीप बोरिग को ठीक नहीं कर रहे हैं।
शहर में आठ-नौ साल पहले भयंकर जल संकट हुआ करता था। तब मानगो में जलापूर्ति योजना शुरू नहीं हो पाई थी। जमशेदपुर के भी गैर कंपनी इलाके में जुस्को की पाइप लाइन नहीं बिछी थी। मोहरदा जलापूर्ति योजना भी शुरू नहीं हुई थी। इस वजह से इन इलाकों में जल स्रोत नहीं थे। गर्मी में भू-जल स्तर काफी नीचे चले जाने की वजह से हैंडपंप जवाब दे जाते थे। ऐसे में नगर निकायों ने गैर कंपनी इलाकों में डीप बोरिग कराई थी। डीप बोरिग कराने के बाद एक कमरा बना कर उसमें मोटर लगा दी गई और इसके छत पर पानी की दो बड़ी टंकियां रख दी गई। मोटर चला कर पानी टंकियों में भर दिया जाता है और कमरे के बाहर चार-पांच टोंटियां लगा दी गई। लोग इन्हीं टोंटियों के जरिए पानी भरते थे।
मानगो में पानी के लिए सबसे ज्यादा हाहाकार मचता था। इसलिए मानगो में अभी तक 16 डीप बोरिग कर टंकियां बैठाई गई। ये डीप बोरिग बागानशाही, शंकोसाई रोड नंबर दो, कालिका नगर, परमानंद नगर, लक्ष्मण नगर, डिमना बस्ती की झारखंड कॉलोनी, आनंद विहार हिलव्यू कॉलोनी, गौरगौड़ा, कुमरुम बस्ती, उलीडीह आदि इलाके में है। लेकिन, कुछ को छोड़ कर अन्य जगहों में कहीं न कहीं कुछ खराबी की वजह से डीप बोरिग पानी नहीं उगल पा रही हैं। डीप बोरिग खराब होने से लोग नाराज हैं। लोगों की मांग है कि नगर निकाय इन डीप बोरिग का ख्याल रखें और कभी-कभार इसका निरीक्षण कर लिया करें तो ये डीप बोरिग ठीक रहेंगी। जमशेदपुर अक्षेस और जुगसलाई में भी डीप बोरिग कराई गई थीं। लेकिन, यहां भी देखरेख के अभाव में इनकी स्थिति बदतर है।
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विधायक निधि से हुई हैं डीप बोरिग शहर के गैर कंपनी इलाकों में डीप बोरिग का काम विधायक निधि से कराया गया है। इन डीप बोरिग पर लाखों रुपये बर्बाद किए गए हैं। डीप बोरिग की गहराई अमूमन 150 मीटर होती है। जबकि, इन दिनों पानी हासिल करने के लिए 450 फीट से अधिक गहरी बोरिग करनी पड़ती है। कम गहरी बोरिग के चलते ये बोरिग सूख गई हैं। एक डीप बोरिग पर 1.50 लाख रुपये का खर्च आया है। लेकिन, डीप बोरिग करने के बाद इसकी देखरेख नहीं करने से इन पर खर्च हुई रकम बर्बाद हुई है।
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गांवों में भी डीप बोरिग की हालत खस्ता
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गांवों में भी इस तरह की डीप बोरिग की है। डीप बोरिग कर मोटर लगाने के बाद कमरे की छत पर टंकियां रख कर टोंटियां लगाई गई हैं। गांवों में लगी डीप बोरिग की भी हालत खस्ता है। कुछ डीप बोरिग से ग्रामीणों को पानी मिल रहा है तो कुछ खराब पड़ी हुई हैं।
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कुछ डीप बोरिग के खराब होने की शिकायत मिली है। इन्हें दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
-रौशन रंजन, सहायक अभियंता मानगो अक्षेस