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जानलेवा बनी सड़क, तालाब व डोभा का लिया रूप

किसी क्षेत्र के विकास के पैमाने में सड़क का अहम योगदान माना जाता है लेकिन यहां तो स्थिति इसके उलट है। सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क यह स्थानीय लोगों की समझ से परे है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 09:30 AM (IST)
जानलेवा बनी सड़क, तालाब व डोभा का लिया रूप
जानलेवा बनी सड़क, तालाब व डोभा का लिया रूप

संवाद सूत्र, मुसाबनी : किसी क्षेत्र के विकास के पैमाने में सड़क का अहम योगदान माना जाता है, लेकिन यहां तो स्थिति इसके उलट है। सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, यह स्थानीय लोगों की समझ से परे है। बागजाता माइंस को जाने वाली मुख्य सड़क बादिया लाटिया से ही जर्जर और जानलेवा बनी हुई है। नीमडीह मोड़ पर सड़क में कई जानलेवा बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। लगातार हो रही वर्षा के कारण बाकड़ा गांव के बीचो-बीच तो सड़क कई जगह तालाब और डोभा का रूप ले चुकी है कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बाकड़ा गांव की इस सड़क पर बीचो-बीच पानी बहता रहता है। ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस दौरान समय गुजरता गया और हो गए करीब 5 वर्ष।

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गोहला के पंचायत समिति सदस्य हरिपद भगत, राजेश कैवर्त, कमल हांसदा, सत्य नारायण कैबर्त, इंद्रजीत पातर, हिमांशु कैबर्त, कृष्णा कैबर्त, मनोहर कैबर्त व विश्वनाथ कैबर्त सहित अन्य लोगों ने कहा कि सड़क की बदहाली से निजात दिलाने की मांग जनप्रतिनिधियों और यूसिल प्रबंधन से की गई है। ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी जब इस सड़क से व्यापारिक लाभ उठा रही है तो इसे बनवाने का भी दायित्व यूसिल प्रबंधन का होना चाहिए। आखिर सीएसआर के नाम पर यूसिल इस क्षेत्र में कर क्या रही है। यह सड़क क्षेत्र के लिए अभिशाप बनकर रह गई है। हम मानते हैं की बागजाता माइंस खुलने से कुछ लोगों को रोजगार मिला है लेकिन अधिकांश ग्रामीण कंपनी के कार्य प्रणाली से परेशान भी हैं। बाकड़ा की यह सड़क यूसिल के विकास कार्यों का पोल खोलने के लिए काफी है। प्रतिदिन दर्जनों हाइवा माइंस से यूरेनियम अयस्क की ढुलाई इसी सड़क से करते हैं। बताया जाता है कि स्थानीय सांसद विद्युत वरण महतो के पहल पर यूसीएल कंपनी ने अपने सीएसआर कार्यक्रम के तहत इस सड़क को बनवाने के लिए 4 करोड़ राशि का टेंडर मेकॉन कंपनी के माध्यम से निकाली थी। किसी संवेदक को इस सड़क निर्माण का कार्यआदेश भी प्राप्त हो गया है। लेकिन अब तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाना लोगों के समझ से पड़े हैं। निर्माण कार्य शुरू नहीं किए जाने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।


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