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जमशेदपुर लोकसभा सीट नहीं छोड़ना चाहती झामुमो और काग्रेस, झाविमो ने छोड़ी दावेदारी

जमशेदपुर संसदीय सीट पर काग्रेस और झामुमो अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। दोनों ने चुनावी समर में कूदने की तैयारी शुरू कर दी है। झाविमो इस सीट पर दावेदारी नहीं कर रही।

By Edited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 12:20 PM (IST)
जमशेदपुर लोकसभा सीट नहीं छोड़ना चाहती झामुमो और काग्रेस, झाविमो ने छोड़ी दावेदारी

जासं, जमशेदपुर : जमशेदपुर संसदीय सीट पर काग्रेस और झामुमो अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। दोनों ने चुनावी समर में कूदने की तैयारी भी शुरू कर दी है। यह सीट किसके खाते में जाएगी इसका खुलासा दो-तीन दिनों के भीतर हो जाएगा। वैसे महागठबंधन में शामिल दलों का मानना है कि इसबार माहौल उनके पक्ष में है। दलों का मानना है कि चुनाव लडऩा नहीं बल्कि, सीट फतह करना बड़ी बात है।

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उधर, इस सीट पर झारखंड विकास मोर्चा ने दावेदारी छोड़ दी है। पार्टी की नजर छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की सीटों पर है। जमशेदपुर लोकसभा सीट पर एक ओर जहा काग्रेस ने चुनाव पूर्व बूथ कमेटी को प्रशिक्षण देकर मजबूत बनाने के साथ पार्टी के नीति सिद्धातों को घर-घर पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है, वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कार्यकर्ताओं से जनसेवा में जुटने की अपील की है। एक प्रकार से देखा जाए तो काग्रेस अंदर ही अंदर चुनाव की तैयारी शुरू कर चुकी है।

कांग्रेस में उछल रहे तीन नाम

लोकसभा चुनाव में संभावित उम्मीदवारों की सूची जिलाध्यक्ष विजय खा ने प्रदेश को भेज दी है। जिलाध्यक्ष खा ने इस लोकसभा सीट के लिए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, हिकिम चंद्र महतो और अशोक चौधरी का नाम बतौर उम्मीदवार प्रस्तुत किया है। डॉ. अजय कुमार पूर्व में इस संसदीय क्षेत्र से झाविमो की टिकट पर सासद रह चुके हैं। काग्रेस का मानना है कि महागठबंधन के दल झामुमो, झाविमो, राजद आदि में काग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार से बड़ा कोई चेहरा नहीं है। पार्टी ने कुड़मी और सवणरें को खुश करने के लिए हिकिम चंद्र महतो और अशोक चौधरी को उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।

चार बार रहा है झामुमो का कब्जा

दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा इस सीट को अपनी परंपरागत सीट मानता है। झामुमो नेता सीट फतह करने पर ताल ठोक रहे हैं। वर्ष 1989 से अब तक हुए लोकसभा चुनावों का इतिहास देखा जाए तो इस सीट पर चार बार झामुमो और चार बार भाजपा का कब्जा रहा है। झामुमो गत चुनाव नतीजे को देखते हुए इस सीट को छोडऩा नहीं चाहता। जमशेदपुर में कुड़मी वोटों का खासा प्रभाव है। काग्रेस के पास कुड़मी चेहरा नहीं है। झामुमो इस सीट पर आस्तिक महतो को उतारना चाहता है।

झामुमो में आस्तिक और सुमन की दावेदारी

झामुमो के जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधायक रामदास सोरेन ने बताया कि महागठबंधन में सीटों पर फैसला नहीं हुआ है। पार्टी जमशेदपुर सीट पर मजबूत स्थिति में है। ऐसे में जमशेदपुर सीट पर झामुमो का हक बनता है। जमशेदपुर में झामुमो पहले से ही तैयारी शुरू कर चुका है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री ने झारखंड संघर्ष यात्रा भी जमशेदपुर से ही शुरू की थी। पार्टी ने चलो गाव की ओर, खोलो सरकार की पोल अभियान गाव-गाव में चला रखा है। साथ ही बूथ कमेटी के अलावा पंचायत, प्रखंड, नगर कमेटियों का पुनर्गठन कर मजबूत बनाया है। आस्तिक महतो के साथ ही पूर्व सासद सुमन महतो भी यहा मजबूत दावेदारों में हैं।


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