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22 दिनों में कोरोना जांच पर शहर ने खर्च किए 40 लाख, मरीज एक भी नहीं मिले

22 दिनों में कोरोना जांच पर जमशेदपुर शहर ने 40 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिया लेकिन मरीज एक भी नहीं मिला। बिष्टुपुर स्थित निजी लैब में कोरोना की जांच हो रही है। यहां अधिकतर नर्सिंग होम व बड़े अस्पतालों से नमूने पहुंच रहे हैं। रोजाना शहर भर से 35 से 40 नमूने पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 01:41 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 06:19 AM (IST)
22 दिनों में कोरोना जांच पर शहर ने खर्च किए 40 लाख, मरीज एक भी नहीं मिले
22 दिनों में कोरोना जांच पर शहर ने खर्च किए 40 लाख, मरीज एक भी नहीं मिले

अमित तिवारी, जमशेदपुर : 22 दिनों में कोरोना जांच पर जमशेदपुर शहर ने 40 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिया लेकिन मरीज एक भी नहीं मिला। बिष्टुपुर स्थित निजी लैब में कोरोना की जांच हो रही है। यहां अधिकतर नर्सिंग होम व बड़े अस्पतालों से नमूने पहुंच रहे हैं। रोजाना शहर भर से 35 से 40 नमूने पहुंच रहे हैं। यहां तक की घर पर जाकर कोरोना संदिग्धों का नमूना लिया जा रहा है। जांच के लिए इसे गुरुग्राम भेजा जाता है। रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन लगता है। प्रति जांच के नाम पर 4500 और सौ रुपये विजिटिग चार्ज भी लिया जाता है। इस तरह 22 दिनों में 40 लाख 48 हजार रुपये की जांच शहरवासियों ने कराई है। चौंकाने वाली बात यह है कि यहां जांच कराने आने वाले मरीजों का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं पहुंच रहा है। विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि बिष्टुपुर में पैथ काइंड लैब में कोरोना जांच हो रही है लेकिन वहां से अबतक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। दूसरा निजी लैब टीएमएच में चल रहा है। वहां सिर्फ टाटा कर्मी व स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए नमूने की जांच होती है। बाहरी का नहीं होता है।

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ऑपरेशन से पहले कराए जा रहे कोरोना की जांच

अगर आपको किसी निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराना है तो सामान्य जांच के साथ कोरोना जांच भी करानी होगी। उसके बाद ही ऑपरेशन होगा। पैथ कैंड लैब में पहुंचने वाले नमूने कुछ इसी तरह के मरीजों की हैं। गर्भवती की भी जांच की जा रही है। उनको भी सर्जरी से पूर्व कोरोना जांच करानी पड़ रही है। इसमें कई वैसे लोग शामिल हैं जो इतनी बड़ी राशि देने में पूरी तरह से असमर्थ हैं।

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इलाज हुआ मंहगा, शहर में भी एक जांच दर की बढ़ी मांग

कोरोना व अन्य जांच के नाम पर एक मरीज को आठ से दस हजार रुपये अधिक चुकाने पड़ रहे हैं। अगर आप निजी अस्पताल में भर्ती होते हैं तो कोरोना की जांच के लिए 4500 रुपये, ऑपरेशन के दौरान उपयोग होने वाले किट के नाम पर 4500 रुपये व हर दिन बेड चार्ज के रूप में 1500 से 1700 रुपये अधिक देने होंगे। दिल्ली, बिहार में कोरोना की जांच दर घटाकर करीब 2200 रुपये कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि देश में कोरोना की जांच दर एक होनी चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए जमशेदपुर में लागू कराने की मांग की है।

--------------------- कोट ::::

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय है। हर राज्य में कोरोना जांच दर एक होनी चाहिए। बिहार व दिल्ली में 4500 रुपये से घटाकर आधा राशि कर दी गई है। महामारी से निपटने में सबका सहयोग जरूरी है।

- डॉ. मृत्युंजय सिंह, सचिव, आइएमए।

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यह समय देश के साथ खड़ा होने का है। सिर्फ सरकार के भरोसे इस महामारी से नहीं निपटा जा सकता है। हमें खुद की पहल करनी चाहिए और अधिक से सहयोग की भूमिका निभानी होगी। कमाने का समय बहुत मिलेगा।

- डॉ. राजेश मोहंती, पूर्व अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी।


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