Jamshedpur: पर्यटकों को भा रहीं दलमा की वादियां, कोल्हान में अपार संभावनाएं; विकसित हो रहे पांच पर्यटन स्थल
National Tourism Day Jamshedpur जिले के 5 स्थानों पर एक करोड़ रुपये के खर्च से रंकिणी मंदिर जादूगोड़ा नरसिंहगढ़ चित्रेश्वरधाम विभूति भूषण का मकान तथा पांच पांडव स्थल का विकास किया जा रहा है। घाटशिला के धारागिरी झरने के अलावा 23 बेहद खुबसूरत जगहों का भी चुनाव किया गया है।
मनोज सिंह, जमशेदपुर: जिले में पर्यटन की संभावनाओं को भुनाने में राज्य सरकारें अब तक नाकामयाब रहीं हैं। कोल्हान जंगल, पहाड़, गुफा, झरना, लेक आदि प्राकृतिक खूबसूरती से अटा पड़ा है, जो सैलानियों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं, लेकिन विडंबना है कि सरकारी स्तर पर ऐसा प्रयास नहीं हो रहा है कि पर्यटक अपने परिवार के साथ सुरक्षित यात्रा कर सकें और प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकें।
हालांकि, अब झारखंड पर्यटन विभाग, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिले के पांच स्थानों पर एक करोड़ रुपये के खर्च से इसे सुंदर बना रहा है। इसके अंतर्गत रंकिणी मंदिर जादूगोड़ा, नरसिंहगढ़, चित्रेश्वरधाम, विभूति भूषण का मकान तथा पांच पांडव स्थल का विकास किया जा रहा है। घाटशिला के धारागिरी झरने के अलावा जिले के 23 ऐसी जगहों का चुनाव किया गया है, जो पर्यटन की दृष्टि से बेहद सुंदर है।
घाटशिला में स्थित धारागिरी झरना
आकर्षण का केंद्र दलमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी
पूर्वी सिंहभूम जिले में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में जुबिली पार्क व दलमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी को ए श्रेणी के पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता मिली है। इसके अलावा दलमा की वादियां पर्यटकों को हमेशा भाती रहीं हैं। यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन विभाग निरंतर सुविधा बढ़ा रहा है। हाथियों के लिए संरक्षित दलमा साल भर सैलानियों से भरा रहता है। दलमा में हाथी, भालू, बंदर, लाल गिलहरी, जंगली मुर्गी, सियार, हिरण के अलावा सैकड़ों प्रकार के पशु-पक्षी व जड़ी-बूटी के पौधे पाए जाते हैं।
यह सैंक्चुरी 193 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली है। इसकी ऊंचाई 3000 फीट है, जहां से रात में जमशेदपुर टिमटिमाते तारे की तरह नजर आता है। डीएफओ डा. अभिषेक कुमार कहते हैं कि दलमा में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं। जमशेदपुर से दलमा की दूरी 31 किमी है।
पहाड़भांगा
यह नरवा पहाड़ के पास स्थित है। यह इतनी खूबसूरत जगह है कि आप यदि एक बार यहां पहुंच गए तो वापस आने का मन नहीं करेगा। शहरी जीवन से दूर, पूरी तरह शांति चाहने वाले लोगों के लिए स्वच्छ हवा, साफ पानी और चारों ओर हरियाली ही हरियाली के बीच स्थित यह स्थल आकर्षण का केंद्र बना रहता है। जमशेदपुर से इसकी दूरी 24 किमी है।
दोमुहानी
सोनारी में जिस स्थान पर स्वर्णरेखा व खरकई नदी का मिलन स्थल है, उसे दोमुहानी के नाम से जाना जाता है। वर्तमान समय में यहां गंगा आरती के लिए निर्माण कार्य चल रहा है।
छोटाबांकी बांध
यह बांध तीन ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस जगह की शांति और हरियाली बहुत ही मनोरम दिखाई देती है। दलमा पहाड़ी के बीच छिपा यह बांध पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जमशेदपुर से इसकी दूरी 20 किमी है।
समुद्र तल से तीन हजार फीट की ऊचाई पर स्थित दलमा पहाड़ी का मनोरम दृष्य l
जुबिली पार्क
जमशेदपुर के हृदय स्थल पर स्थित जुबिली पार्क को टाटा स्टील द्वारा 237 एकड़ में बनाया गया। यह जमशेदपुर ही नहीं, झारखंड-बिहार का सबसे सुंदर पार्क है। पार्क के अंदर म्यूजिकल फाउंटेन, स्केटिंग, कृत्रिम टापू, गुलाब बाग, चिड़ियाघर आदि पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
डिमना लेक
शहर या शहर से बाहर के आए लोग डिमना लेक तो एक बार जरूर जाते हैं। पर्यटक यहां प्रकृति के बीच अपना समय बिता सकते हैं। यहां साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यह एक कृत्रिम झील है, जिसे विश्व प्रसिद्ध इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की देखरेख में बनाया गया था।
सतनाला डैम
यहां प्राकृतिक व मनोरम दृश्यों का अद्भुत समागम देखने को मिलता है। चारों ओर पहाड़ी से घिरा यह डैम हाल ही में आम जनता के लिए खोला गया है। यह जमशेदपुर की सबसे आकर्षक जगहों में से एक है। अपने परिवार व दोस्तों के साथ कुछ क्षण बिताने के लिए यह एक सुंदर स्थान है। जमशेदपुर से इस जगह की दूरी 10 किमी है।
चांडिल डैम
चांडिल डैम स्वर्णरेखा नदी पर बना है। यहां साल भर लोग पिकनिक मनाने आते हैं, जिसमें दूसरे राज्यों के भी पर्यटक होते हैं। पर्यटक यहां बोटिंग का भी आनंद उठाते हैं। चारों ओर पहाड़ियों से घिरा यह डैम प्राकृतिक वातावरण को अपने अंदर पूरी तरह समेटे हुए है। जमशेदपुर से इसकी दूरी 36 किमी है।
बुरूडीह डैम
घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरी बुरूडीह कृत्रिम झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। बुरूडीह झील के आसपास की पहाड़ी बहुत ही प्राचीन है। इसकी निचली पहाड़ी में घने जंगल हैं, जो पश्चिम बंगाल में मेदिनीपुर व दलमा रेंज तक हाथियों का कोरिडोर है। यह जगह घाटशिला से पांच किमी की दूरी पर है।
सारंडा
एशिया का सबसे घना साल का जंगल सारंडा लगभग 820 वर्ग किलोमीटर में फैला है।