माह-ए-रमजान में बदल गया खानपान
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रमजान में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जहां चहल-पहल है। हर घर से कुरआन के
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रमजान में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जहां चहल-पहल है। हर घर से कुरआन के पाक अल्फाज की गूंज उठ रही है। इस महीने में रोजेदारों की दिनचर्या और खानपान में बदलाव आ गया है। हर घर में रोज एक से बढ़ कर एक पकवान बन रहे हैं और रोजेदार इनका लुत्फ उठा रहे हैं।
रमजान में मुस्लिमों का खानपान बदल गया है। रोजा अफ्तार, डिनर और सहरी में दूध और फल का महत्व बढ़ गया है। ज्यादातर रोजेदार इफ्तार में फल लेते हैं। साकची के अब्दुल रऊफ बताते हैं कि फल के अलावा पेय पदार्थ भी खूब पिए जाते हैं। फलों की बिक्री शहर में बढ़ गई है। रोजा का बाजार शाम चार बजे से गुलजार होता है। जबकि सहरी के लिए खरीदारी रात नौ बजे तरावीह की नमाज के बाद शुरू होती है। जबकि, सहरी में ज्यादातर लोग दूध, सेवई और लच्छा लेते हैं। इफ्तार और सहरी के बीच में डिनर पड़ता है। जुगसलाई के मोहम्मद अकरम बताते हैं कि ज्यादातर लोग डिनर में भरपेट खाना नहीं खा पाते। डिनर में आम तौर से जो दो रोटी खाता है वो रमजान में एक ही रोटी से काम चलाता है। रमजान में मुस्लिमों की दिनचर्या भी तब्दील हो जाती है। रोजेदार सहरी के लिए रात तकरीबन ढ़ाई बजे से तीन बजे के बीच उठ जाता है। सहरी करने के बाद रोजेदार सो जाता है और फिर चार बजे के करीब वो उठ जाता है। इस तरह, रात में दो बार उसकी नींद टूटती है। इसलिए रोजेदार दिन में भी आराम करता है।
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रोज एशा के बाद पढ़ी जा रही तरावीह
रमजान में एशा की नमाज के बाद 20 रकअत तरावीह पढ़ी जाती है। तरावीह में पेश इमाम कुरआन करीम की आयतें सुनाता है। रोजेदार इसे सुनते हैं। तरावीह का दौर 29 रमजान तक चलता है। नौकरी पेशा और कारोबारी लोग पांच, छह, सात आदि दिनों की तरावीह पढ़ कर जल्दी फुर्सत पा लेते हैं। मानगो में कई जगहों पर 10 दिनों से कम दिनों की तरावीह की नमाज हो रही है। छह दिन की तरावीह ओल्ड पुरुलिया रोड पर अर्श खानकाह में खत्म हो गई है।
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10 के बाद शहर में इफ्तार पार्टी का दौर
शहर में 10 रमजान के बाद इफ्तार पार्टी का दौर चलेगा। गली-मुहल्लों के अलावा बड़ी-बड़ी इफ्तार पार्टियां आयोजित होती हैं। शहर की बड़ी इफ्तार पार्टी में मुस्लिम लाईब्रेरी की इफ्तार पार्टी मशहूर है। इसके अलावा, गोलमुरी, धतकीडीह, जुगसलाई और मानगो में विभिन्न युवा क्लब और संगठनों की तरफ से इफ्तार पार्टी होती है।