मोबाइल की वजह से पकड़ा गया अस्पताल के बंदी वार्ड से भागा अपराधी
एमजीएम अस्पताल के बंदी वार्ड से गुंजन जायसवाल वार्ड की वेंटिलेशन तोड़ इसमें लगी लोहे की ग्रिल को धक्का देकर खोलने के बाद भाग निकला।
जमशेदपुरजासं। पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल के बंदी वार्ड से गुंजन जायसवाल वार्ड की वेंटिलेशन तोड़ इसमें लगी लोहे की ग्रिल को धक्का देकर खोलने के बाद भाग निकला। हालांकि, पुलिस टीम ने जाल बिछाकर कुछ ही घंटे के भीतर सिदगोड़ा बारीडीह पांडेय मैदान स्थित रिश्तेदार की घर से मोबाइल लोकेशन के कारण गिरफ्तार कर लिया।
विरोधियों को ठिकाने लगाने की मंशा से भागा था
पुलिस के साथ-साथ उसके विरोधियों ने राहत की सांस ली कारण विरोधियों को ठिकाने लगाने की नीयत से वह बंदी वार्ड से भाग निकला था। साकची पुलिस ने गुंजन जायसवाल से पूछताछ की। उसके पास से मोबाइल भी बरामद किया गया है। मालूम हो कि गोलमुरी इंस्पेक्टर आमिश हुसैन ने चंदशेखर जायसवाल उर्फ गुंजन जायसवाल को देशी रायफल और कारतूस के साथ 2 अगस्त को गोलमुरी टुइलाडूंगरी से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
अखिलेश का रहा है करीबी
हाइड्रोसिल के ऑपरेशन कराने को वह एमजीएम अस्पताल के बंदी वार्ड में दाखिल था। वह गैंगस्टर अखिलेश सिंह और कोर्ट में मारे गए ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह का करीबी रहा है उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। बंदी वार्ड से भागने के मामले में वार्ड के सुरक्षा प्रहरी की लिखित शिकायत के बाद गुंजन जायसवाल के खिलाफ साकची थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। साकची इंस्पेक्टर मदन शर्मा ने बताया कि खिड़की तोड़ आरोपित भाग निकला था।
मोबाइल से विरोधियों को दे रह था धमकी
फरारी के बाद गुंजन जायसवाल ने बिरसानगर के सुधीर कुमार, सिदगोड़ा के रामपुकार राय और दीपू ओझा समेत कई को जान से मारने की धमकी दे रहा था। गोलमुरी से गिरफ्तार होने के बाद उसे लग रहा था विरोधियों की मुखबिरी के कारण वह पकड़ा गया जिस नंबर से वह विरोधियों को धमकी दे रहा था। वह नंबर पुलिस के हाथ लग गया। मोबाइल को पुलिस ने सर्विलांस में ले लिया जिसमें मोबाइल लोकेशन बारीडीह पांडेय मैदान मिला। मैदान के पास ही उसके फुफा का मकान है उसी मकान की छत पर वह छुपा हुआ था जहां से उसे पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया।
बंदी वार्ड में मोबाइल पर हमेशा करता था बातचीत
बंदी वार्ड के सुरक्षा प्रभारी से सेटिंग-गेटिंग कर गुंजन जायसवाल वार्ड से बाहर हमेशा घूमता था। मोबाइल पर बातचीत करता था। सहयोगियों से मिलता-जुलता था। उसे लगता था कि विरोधी उसके पीछे लगे हुए है जिसके कारण उसे प्रताडि़त किया जाता हैं। बुधवार को मौका पाकर वह भाग निकला। वार्ड के सुरक्षा प्रभारी ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों से छुपा कर रखी और विलंब से इसकी सूचना दी।
गोलमुरी में गिरफ्तारी के समय भागने की थी कोशिश
गोलमुरी में गिरफ्तारी के बाद भी गुंजन जायसवाल ने भागने की कोशिश की थी। 24 घंटे निगरानी रखे जाने के कारण वह इसमें सफल नही हो पाया।
हमेशा बंदी वार्ड से भागने की होती घटना
एमजीएम बंदी वार्ड और अस्पताल परिसर से बंदी के भागने की घटना हमेशा होती है बावजूद सुरक्षा पर ध्यान नही दिया जाता। वार्ड के पुलिसकर्मियों की सेटिंग-गेटिंग के कारण ही गैंगस्टर अखिलेश सिंह का भाई अमलेश सिंह रात में भुइंयाडीह आवास चले जाता था और भोर से पहले वापस लौट आता था। घटना 2010 की है। तत्कालीन एसएसपी अखिलेश कुमार झा ने वार्ड से घर जाने के दौरान रंगेहाथ पकड़ा था इस मामले में 11 पुलिसकर्मियों पर निलंबन की गाज गिरी थी। कुलराज सिंह हत्याकांड का सजायाफ्ता भाजपा नेता नीरज सिंह रात में घर चला जाता था इसमें पुलिसकर्मियों की मिलीभगत रहती थी। एवज में रुपये मिलते थे। सूचना पर 16 अगस्त 2017 को पुलिस ने छापेमारी की। वार्ड से बाहर निकलकर भागने के दौरान नीरज सिंह को पकड़ लिया गया। 14 फरवरी 18 को बंदी विक्की भाग रहा था। वह पकड़ा गया।
बीमारी का बहाना बंदी वार्ड में रहते बंदी
बीमारी का बहाना बंदी वार्ड में बंदी दाखिल होते है और वहां ऐश-मौज करते है। होटल का खाना खाते है। मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हो जाती है। बिल्डर रोहित सिंह, अमलेश सिंह, विक्रम शर्मा, हरप्रीत सिंह नीरज सिंह समेत कई बंदी ऐसा करते थे। तत्कालीन एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने सभी बंदियों को घाघीडीह सेंट्रल जेल भिजवा दिया था।