जेठ करता है अश्लील हरकत, अदालत का दरवाजा खटखटाया
बिष्टुपुर थाना अंतर्गत धतकीडीह क्षेत्र की एक महिला ने अपने जेठ क
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर थाना अंतर्गत धतकीडीह क्षेत्र की एक महिला ने अपने जेठ के खिलाफ अश्लील हरकत, दुष्कर्म का प्रयास करने का मामला थाने में 25 अक्टूबर, 2017 को दर्ज कराई। मामले के रफादफा होने पर पीड़िता ने दोबारा अदालत का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि अब गवाहों से पूछताछ अदालत के सामने होगी।
पुलिस को दिए बयान में महिला ने कहा था कि शादी के बाद से ही 5 अप्रैल 2010 से ही मेरे जेठ ने सागिर छेड़खानी करना शुरू कर दिया। जब यह बात मैं अपने पति को बताया तो वह अपने भाई की करतूत पर विश्वास ही नहीं किया। इससे जेठ का मन बढ़ गया। जैसे ही उसके पास से गुजरती वह बदन को गलत ढंग से छू देता है। इसका विरोध करने पर वह भाई से बोलकर घर से निकलवा देने की धमकी देता। मैं इसलिए डर जाती थी कि मेरे पति एक लापरवाह इंसान हैं। वह मुझ पर नहीं बल्कि अपने भाई की बातों पर विश्वास करेगा और कहीं मुझे घर से निकाल न दे, इससे मैं चुप रहती थी। मेरा चुप रहने का फायदा आरोपित उठाने लगा। तीन जनवरी, 2011 को मेरा एक पुत्र हुआ। इसके बाद मेरे पति काम के सिलसिले में बाहर चले गए। पति के बाहर जाने के बाद जेठ का और मनोबल बढ़ गया। एक दिन मैं अपने कमरे में थी, इसी बीच आरोपित जेठ घर के अंदर प्रवेश कर गए और मुझे पकड़ लिया और दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। मैं बचने की कोशिश करती रही, इसी बीच आरोपित मेरा कपड़ा फाड़ दिया। अचानक मेरे घर पर पड़ोस में रहने वाली दो महिला आ गई। वह आवाज देने लगी। इसी बीच आरोपित धमकी देते हुए घर से निकल गया। इसके बाद मैं आरोपित के खिलाफ बिष्टुपुर थाना में मामला दर्ज कराया गया। मामले की जांच की गयी और पीड़िता के आरोप को निराधार बताया। बिष्टुपुर पुलिस ने कोर्ट में 30 मार्च, 2018 को अंतिम प्रपत्र दाखिल कर दिया।
जब पीड़िता को पता चला कि मामला रफा-दफा हो गयी है तो वह बिष्टुपुर पुलिस की जांच रिपोर्ट पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए दोबारा कोर्ट में मामला दायर कर दी। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि घटना का दो चश्मदीद गवाह भी है। इसके बावजूद बिष्टुपुर पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर दिया। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि नियमानुसार पुलिस को अंतिम प्रपत्र रिपोर्ट की सूचना मुझे भी देना था, लेकिन नहीं दिया। कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए दोबारा जांच का आदेश दिया।