Covid Lockdown : कोविड लॉकडाउन पर टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन बोले, ...तो स्थिति विस्फोटक हो जाएगी
Covid Lockdown कोरोना की तीसरी लहर पूरे चरम पर है। नया वैरिएंट ओमिक्रोन कहर बरपा रहा है। दिल्ली से लेकर मुंबई हर तरफ कोहराम मचा हुआ है। कई राज्यों ने आंशिक लॉकडाउन भी लगा दी है। टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने विस्फोटक स्थिति पर चिंता जताई है...
जमशेदपुर : कोविड 19 के दौरान कई स्थानीय व्यवसाय घुटने के बल चलने लगते हैं लेकिन हम सभी को इस तरह की परिस्थिति से बचने की जरूरत है। हालांकि कई राज्यों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं जो उद्योग के लिए विस्फोटक हो सकते हैं लेकिन हमें अपनी व्यवस्था को मजबूत करना होगा।
लॉकडाउन का विकल्प भी ढूढ़ने की जरूरत
यह कहना है कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के प्रेसिडेंट सह टाटा स्टील (Tata Steel) के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन (T V Narendran) का। बकौल नरेंद्रन, सरकार को समन्वित प्रतिबंधों का विकल्प चुनना चाहिए ताकि बाजार की रिकवरी भी प्रभावित न हो और अर्थव्यवस्था भी सुचारू रूप से चलता रहे।
स्थानीय स्तर पर कठोर ना हो लॉकडाउन
एक अखबार को दिए साक्षात्कार में नरेंद्रन ने सभी राज्य सरकार से अपील की है कि स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन को बहुत अधिक कठोर नहीं बनाया जाना चाहिए। हालांकि कोविड 19 का ओमिक्रॉन वेरिएंट चिंता का विषय है और यह तेजी से फैल रहा है लेकिन बाजार को ध्यान में रखते हुए समन्वित प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
मालूम हो कि भारत में गुरुवार को कोविड 19 के 90,928 ताजा मामले दर्ज किए गए। जो पिछले दिनों की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक है। अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रोन के 2630 नए मामलों का पता चला है। ऐसे में कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही सार्वजनिक स्थानों, पार्क, स्टेडियम व खेलकूद के मैदान भी बंद कर दिए गए हैं।
उद्योग वर्तमान स्थिति से निपटने का है तैयार
टीवी नरेंद्रन का कहना है कि देश के अधिकतर उद्योग संस्थान वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यहां तक कि दूसरे चरण में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उतनी प्रभावित नहीं हुई जैसा पहले वेव के समय हुआ था। अब सभी कंपनियां ऑनलाइन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत बना रहे हैं। कई कंपनियों ने पहले वेव से काफी कुछ सीखा है। हालांकि कोविड 19 के कारण पर्यटन व कई हॉस्पिटालिटी सर्विस जरूर प्रभावित हुए हैं।
प्रभावित हुआ है लोगों का बजट
नरेंद्रन का कहना है कि कोविड 19 के कारण लोगों का घरेलू बजट गड़बड़ा गया है क्योंकि बहुत से लोगों के आय में या तो कमी आई है या उनकी नौकरियां छूट गई है। कोविड 19 के कारण उनके हेल्थ पर अब अधिक खर्च हो रहा है। ऐसे में डिमांड वापस पटरी पर लाने के लिए आवश्यक है कि सरकार लोगों की आजीविका पर नजर रखे ताकि यह और अधिक खराब नहीं हो सके।
9.5 प्रतिशत रहेगा जीडीपी
सीआईआई प्रेसिडेंट (CII President) ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2012 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 9.5 प्रतिशत था और वर्तमान में हम इसी आंकड़े से चिपके हुए हैं। हालांकि ओमिक्रोन के बढ़ते असर ने सभी को चिंतित जरूर कर दिया है और हम पिछले तीन तिमाहियों में यहां पर अटके हुए हैं। ऐसे में उद्यमियों पर बढ़ते ब्याज दर चिंता का सबब बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि यदि सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े बढ़ेंगे तो राजकोषीय घाटा भी कम होगा। इसके लिए जरूरी है कि देश की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आए और लोग अधिक खर्च करें। वर्तमान में कोविड 19 के तीसरे वेव को देखते हुए लोग केवल जरूरी सामानों की ही अधिक खरीदारी कर रहे हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में अधिक विदेशी निवेश
नरेंद्रन का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में बहुत अधिक विदेशी निवेश हो रहा है। साथ ही स्टील में निवेश काफी हद तक घरेलू ही है। हालांकि प्रोडक्शन लिंक्ड इसेंटिव (पीएलआई) निवेश को और बढ़ाएंगी। इसके अलावा देश में सीमेंट, स्टील, कैमिकल के क्षेत्र में जबदस्त निवेश हो रहा है। भारत इस साल 400 अरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात तक पहुंचने की राह पर है। जैसे-जैस भारत में निर्यात बढ़ेगा, स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में आयात पर निर्भरता कम होगी।
कम हो कच्चे माल की कीमत
नरेंद्रन का कहना है कि हम ऐसे व्यवस्था का समर्थन करते हैं जहां कच्चे माल पर इनपुट शुल्क सबसे कम हो। व्यवसाय करने के लिए यह बेहद जरूरी है। तभी 90 प्रतिशत उद्योगों को इससे लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि आगामी बजट से पहले खनन सहित कई क्षेत्रों में प्रभावी दरें काफी अधिक है जिससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है।