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बोले वकील, बैठने की व्यवस्था कीजिए तभी करेंगे काम

तीन दिनों से चल रहे हंगामे के दौरान आम अधिवक्ताओं को कोई सफलतापूर्वक नेतृत्व नहीं कर रहा था। जिसके कारण अधिवक्ताओं के बीच असमंजस की स्थित में थी

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 07:00 AM (IST)
बोले वकील, बैठने की व्यवस्था कीजिए तभी करेंगे काम
बोले वकील, बैठने की व्यवस्था कीजिए तभी करेंगे काम

जासं, जमशेदपुर : अधिवक्ताओं की गरिमा को ध्यान रखते हुए उन्हें सम्मान के साथ जब तक बैठने की समुचित व्यवस्था बार भवन में नहीं की जाती है, तब तक अधिवक्ता खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखेंगे। इसकी घोषणा सार्वजनिक रूप से आम अधिवक्ताओं का नेतृत्व कर रहे वरीय अधिवक्ता रंजनधारी सिंह, अजय सिंह राठौर, जितेंद्र सिंह, संजीव रंजन बरियार ने संयुक्त रूप से शनिवार को की।

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तीन दिनों से चल रहे हंगामे के दौरान आम अधिवक्ताओं को कोई सफलतापूर्वक नेतृत्व नहीं कर रहा था। जिसके कारण अधिवक्ताओं के बीच असमंजस की स्थित में थी, लेकिन शनिवार की सुबह आठ बजे ही सैकड़ों अधिवक्ता कोर्ट परिसर के बाहर जमा होने लगे। अधिवक्ताओं के नेतृत्व कर रहे वरीय अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि अधिवक्ताओं की मांग जायज है तो झारखंड स्टेट बार काउंसिल के पदाधिकारी व अन्य न्यायिक अधिकारी खुद ही इस मामले में संज्ञान लेंगे और अधिवक्ताओं की समस्या सुलझाने में उनका सहयोग करेंगे। अधिवक्ताओं के मुख्य गेट में जुटान की खबर से जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन अब आम अधिवक्ता भी पदाधिकारियों की बातों के सुनने से साफ मना कर रहे है।

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दिन भर नहीं हुआ कुछ काम

अधिवक्ता वैसे तो तीन दिनों से खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखे हुए हैं, लेकिन शनिवार को इसकी विधिवत घोषणा होने के बाद एक भी न्यायिक काम अधिवक्ताओं ने नहीं किया। कोर्ट के बाहर मुख्य गेट में रखे ड्राप बाक्स में किसी भी अधिवक्ता ने कोई याचिका व आवेदन की कॉपी नहीं जमा की। सवा महीना बीत गया, अधिवक्ता सड़क पर खड़े होकर न्यायिक काम निपटा रहे हैं। उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। अधिवक्ता रंजनधारी सिंह ने कहा कि सिपाही व कोर्ट के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी कुर्सी में बैठ रहे हैं और उनके सामने अधिवक्ता खड़े होकर काम कर रहे हैं। यह अधिवक्ता कभी बर्दास्त नहीं करेंगे।

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हाईकोर्ट के आदेश पर बंद है बार भवन

यहां बता दे कि हाइकोर्ट के आदेश के बाद बार भवन को बंद कर दिया गया था। और कोर्ट परिसर के बाहर ड्राप बाक्स रख दिय गया था इस ड्राप बाक्स में अधिवक्ता प्रतिदिन जमानत याचिका सहित अन्य न्यायिक कामों से जुड़े आवेदन डाल रहे थे और ऑनलाइन ही न्यायिक कार्यों को निपटा रहे थे।


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