coronavirus Jharkhand Lockdown Update : लॉकडाउन में भोजन नहीं मिल रहा तो पक्षी मारकर खा रहे गांव के लोग Jamshedpur News
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के मुख्यालय जमशेदपुर शहर से महज दो किलोमीटर दूर रूपाईडांगा गांव की अब तक किसी ने सुध नहीं ली है। लॉकडाउन में लोग पक्षी मारकर खा रहे हैं।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। coronavirus Jharkhand Lockdown Update झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के मुख्यालय जमशेदपुर शहर के मानगो स्थित डिमना चौक से महज दो किलोमीटर अवध डेंटल कॉलेज से सटा एक गांव है रूपाईडांगा। यहां के लोगों को लॉकडाउन ने पशु-पक्षी खाकर जिंदा रहने को मजबूर कर दिया है। यहां के ग्रामीण राशन-भोजन न मिलने के कारण भूख लगने पर पक्षी मारकर खा रहे हैं।
करीब 80 घरों के इस गांव में अधिकांश लोग दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, जबकि कुछ गाय का खटाल या सब्जी की खेती से जीविकोपार्जन करते हैं। लॉकडाउन की वजह से इनका काम-धंधा छूट गया है, जिससे इन्हें भोजन के लाले पड़ गए हैं। इनकी पीड़ा है कि शहर में सैकड़ों लोग व संस्थाएं भोजन बांट रही हैं, लेकिन उनके गांव में अभी तक कोई राशन या भोजन लेकर नहीं पहुंचा। इनका गांव एनएच-33 से सटा है। जब कभी दोपहर में ट्रक चालकों को खिचड़ी खिलाने वाले रूकते हैं, तो उनके गांव में हलचल मच जाती है। जो जिस हाल में रहता है, सड़क की ओर दौड़ पड़ता है। जो मौजूद रहा, उसकी थोड़ी-बहुत भूख मिट जाती है, बाकी अपने किस्मत को कोसते हुए घर में चले जाते हैं।
ना सड़क है, ना नाली
गांव के तुराम बानरा ने दलमा की तलहटी से एक बड़े पक्षी को मारकर लाया है, जिसे उसे छीलकर पकाएगा। तुराम ने कहा कि क्या करें, कुछ तो खाकर पेट भरना ही होगा। पहाड़ नजदीक है, इसलिए उन्हें छोटे-मोटे पशु-पक्षी खाने को मिल जाते हैं। गांव के ही तपन कर्मकार ने बताया कि यहां चार-पांच लोगों के पास ही राशन कार्ड है। ना सड़क है, ना नाली बनी है। बिजली मिली है, लेकिन पूरे गांव में बांस के खंभे से घर-घर तक गई है। गैस चूल्हा भी कुछ ही लोगों के पास है, लिहाजा अधिकांश लोग लकड़ी या कोयले के चूरे से बने गुल पर खाना बनाते हैं।