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Holi 2021: इस बार फिर व्यापारियों की होली रहेगी बेरंग, झारखंड में 100 करोड़ का कारोबार होगा प्रभावित

Holi 2021 होली पर एक अनुमान के मुताबिक अकेले झारखंड में लगभग 100 करोड़ का और कोल्हान में 10 करोड़ व्यापार होता रहा है। पर इस साल ये व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने वाला है। जिससे व्यापारियों के चेहरों पर साफ मायूसी देखने को मिल रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 12:44 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 12:44 PM (IST)
Holi 2021: इस बार फिर व्यापारियों की होली रहेगी बेरंग, झारखंड में 100 करोड़ का कारोबार होगा प्रभावित
होली पर कोल्हान में 10 करोड़ व्यापार होता रहा है।

जमशेदपुर, जासं। इस साल होली का त्योहार देश भर के व्यापारियों के लिए बेरंग साबित होने वाला है। कोविड 19 के संक्रमण और लॉकडाउन के बाद इस साल होली से शुरू हो रहे उत्सव का देश के रिटेल सेक्टर को लंबे अरसे से इंतजार था और उनकी जरूरत भी थी। होली से ही साल के बड़े त्योहार की शुरुआत होती है और इस त्योहार पर लोग जम कर खरीदारी भी करते हैं।

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हर साल चीन से होली पर करीब 10 हज़ार करोड़ का सामान होली के रंग और खिलौनों भारत में बिकने के लिए आयात किया जाता था पर पिछले साल कंफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा दीवाली पर चाइनीज़ समान के बहिष्कार के आह्वान को देश भर में भारी समर्थन मिला था और यह अभियान अभी जारी है। जिसके कारण भारतीय व्यापारियों ने होली पर बिकने वाले सामानों की थोक में भारतीय सामान की खरीदारी शुरू कर दी थी। चीन सामान के बहिष्कार के बाद बाजार में उतने सामान की आपूर्ति की तैयारियां भी जोरों पर थी। लेकिन पहले झारखंड सरकार और बाद में केंद्र सरकार द्वारा होली को लेकर जारी गाइडलाइन ने देश भर के व्यापारी बेहद चिंतित हैं। जबकि होली के सामान का व्यापार करने वाले व्यापारियों ने अपने यहां बड़ा स्टॉक कर रखा है। जिसका निपटारा फ़िलहाल कोविड के बढ़ते प्रकोप के कारण बेहद असंभव हो गया है। कोविड-19 मामलों में एक तेजी से हुई वृद्धि के बीच, इस साल होली का उत्सव गौण रहेगा। केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को त्योहारी सीजन से पहले हो रही कोविड मामलों की वृद्धि को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने के लिए कहा है। इसी के मद्देनजर सभी राज्य होली उत्सव और उससे जुड़ी खरीदारी और जमावड़े पर या तो अंकुश लगा चुके हैं या लगाने की तैयारियां हो रही है।

न तो होली की हुल्लड़ होगी और न ही रंगों की मस्ती

कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथलिया ने बताया कि होली पर सामूहिक सभाओं, होली मिलन समारोह और गली नुक्कड़ में इक्कठा होकर जश्न मनाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। ऐसे कार्यक्रमों से भी छोटे व्यापारियों को आर्थिक मुनाफा होता रहा है जिस पर अब अंकुश लग चुका है। अकेले झारखंड में ही होली के मौके पर हज़ारों छोटे -बड़े आयोजन किये जाते रहे हैं। देश भर में तो ऐसे छोटे बड़े समारोह की संख्या लगभग 40 हज़ार के आसपास होती है, पर अब न तो होली की हुल्लड़ होगी और न ही रंगों की मस्ती। इसके अलावा इस साल जब कोई सामाजिक कार्यक्रम ही नहीं होगा तो लोग घरों में ही रहना पसंद करेंगे। यही कारण है कि होली के एक हफ्ते पहले होने वाली खरीदारी में गिरावट है और बाज़ार सुनसान पड़े हैं। इस साल कपड़े, रंग, गुलाल और होली के खिलौनों की खरीद बिक्री में तो दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है पर मिठाई, नमकीन, हर्बल गुलाल, फूल और पूजा की सामग्री की खरीदारी होने की उम्मीद भी न के बराबर है।

कोल्हान में 10 करोड़ व्यापार होता रहा है

सरकार द्वारा गाइडलाइंस में भी साफ-साफ इस साल होली पर किसी भी प्रकार के सामाजिक आयोजन या समारोह का आयोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी आदेश दिया कि होली, शब-ए-बारात, नवरात्रि आदि के अवसरों पर शहर में कोई सार्वजनिक उत्सव नहीं होगा। वहीं केंद्र सरकार की सलाह के बाद देश के प्रायः सभी प्रमुख राज्यों में कोविड गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं जिसका व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा। होली पर एक अनुमान के मुताबिक देश भर में करीब 25 हज़ार करोड़ का व्यापार होता रहा है जिसमें अकेले झारखंड में लगभग 100 करोड़ का और कोल्हान में 10 करोड़ व्यापार होता रहा है। पर इस साल ये व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने वाला है। जिससे व्यापारियों के चेहरों पर साफ मायूसी देखने को मिल रही है।


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