Coronavirus : टाटानगर में 'कोरोना संक्रमित' मरीज सुन हड़कंप, बाद में पता चला हो रही थी मॉक ड्रिल Jamshedpur News
करीब आधे घंटे तक टाटानगर स्टेशन पर अफरा तफरी रही। बाद में यात्रियों व रेल अधिकारियों को पता चला कि यह मॉक ड्रिल का हिस्सा था।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। टाटानगर स्टेशन में गुरुवार की दोपहर करीब 1.45 बजे अचानक कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की चर्चा फैल गई। हड़कंप मच गया। दरअसल, टाटानगर स्टेशन पर संचालित किए जा रहे हेल्पडेस्क की ओर ऐसी किसी संभावित परिस्थिति के लिए अभ्यास (मॉकड्रिल) किया जा रहा था।
आलम काफी हड़बड़ी का था। मरीज बने व्यक्ति को तुरंत टाटानगर स्टेशन के हेल्प डेस्क के पास ले जाया गया। तुरंत उसकी थर्मल स्कैनिंग की गई। इसके बाद तुरत उसके चेहरे पर मास्क लगा दिया गया और एहतियात बरतते हुए उसे टाटानगर स्टेशन के प्रथम तल्ले में स्थित डोरमेट्री में बने आइसोलेशन वार्ड ले जाया गया। वहां ट्रीटमेंट शुरू करने की कवायद की गई।
टाटानगर रेलवे अस्पताल के डाक्टरों को सूचित करते हुए एम्बुलेंस मंगाया गया। 15 मिनट के अंदर ही रेलवे अस्पताल से डाक्टरों की टीम स्टेशन पहुंची। टीम के सदस्यों ने एप्रन पहन रखा था। मरीज बने व्यक्ति को तुरंत एम्बुलेंस में बैठाकर टाटानगर रेलवे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे 14 दिनों तक डाक्टरों की टीम अपनी निगरानी में रखने की बात भी कही गई।
कल्पनाशीलता से वास्तविकता प्रदर्शित करने की कोशिश
इससे पूर्व मरीज के मिलते ही टाटानगर स्टेशन में भगदड़ जैसा नाटकीय माहौल बनाया गया। उक्त मरीज बने व्यक्ति के पास जाने से लोग परहेज करते दिख रहे थे। इसी बीच हेल्प डेस्क के सदस्यों ने बहादुरी का परिचय देते हुए मरीज को सबसे पहले अपने भरोसे में लिया, जिसके बाद मरीज भी कुछ राहत की सांस लेता हुआ दिखा।
आधा घंटा बाद लोग जान सके सच्चाई
यह सबकुछ टाटानगर स्टेशन में गुरुवार की दोपहर 1.45 बजे से 2.15 बजे तक चलता रहा। करीब आधे घंटे तक टाटानगर स्टेशन में अफरा तफरी रही। बाद में यात्रियों व रेल अधिकारियों को पता चला कि यह मॉक ड्रिल का हिस्सा था। अचानक हुए इस मॉक ड्रिल को लोग सच समझने लगे थे। मॉक ड्रिल भी इसलिए ही कराया गया था कि अगर कहीं कोई सच में कोरोना वायरस से पीडि़त टाटानगर पहुंच जाए तो उसे तत्काल लाभ किस तरह से टीम पहुंचाएगी इसका रिहर्सल ही किया गया।
इस मौके पर रेलवे अस्पताल के चीफ मेडिकल सु्रपरीटेंडेंट एसके बेहरा , डा. राजू महंता, एरिया मैनेजर विकास कुमार, स्टेशन निदेशक एचके बलमुचू, सीविल डिफेंस के संतोष कुमार व उनकी पूरी टीम सक्रिय थी।