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एसिम्टोमैटिक हैं तो कोरोना टेस्ट कराने की नहीं है जरूरत, बस करना है ये काम

एसिम्टोमैटिक मरीजों को सात दिनों तक अपने घर पर ही आइसोलेट में रहना होगा। यदि अंतिम तीन दिन बुखार नहीं रहता है तो वे अपने दैनिक दिनचर्या वाले कामकाज कर सकते हैं लेकिन बुखार रहता है तो अनिवार्य रूप से अपनी जांच करानी होगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 02:23 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 02:23 PM (IST)
एसिम्टोमैटिक हैं तो कोरोना टेस्ट कराने की नहीं है जरूरत, बस करना है ये काम
कोरोना के थर्ड वेव में सामान्य मरीज ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं।

जासं, जमशेदपुर : काेई व्यक्ति यदि एसिम्टोमैटिक हैं और अपने घर पर ही आइसोलेट हैं तो उन्हें कोविड 19 का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। टाटा स्टील के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी के अनुसार एसिम्टोमैटिक मरीजों को सात दिनों तक अपने घर पर ही आइसोलेट में रहना होगा। उन्हें अपने स्वजन से बात करते समय मास्क पहनना होगा। भीड़ में या बाजार नहीं जाना होगा। यदि अंतिम तीन दिन बुखार नहीं रहता है तो वे अपने दैनिक दिनचर्या वाले कामकाज कर सकते हैं लेकिन बुखार रहता है तो अनिवार्य रूप से अपनी जांच करानी होगी।

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ऐसा कर आप अपने स्वजन, पड़ोसियों और समाज का ही बेहतर करेंगे। वहीं, डाक्टर चौधरी ने रक्तचाप, मधुमेह व ह्दय संबंधी बीमारियों से ग्रसित शहरवासियों को अपना खास ख्याल रखने और डाक्टर द्वारा दी गई दवा का नियमित रूप से खाने की अपील की क्योंकि ऐसे मरीज यदि संक्रमित होते हैं तो काफी परेशानी हो सकती है। हालांकि यह अच्छी बात है कि थर्ड वेव में सामान्य मरीज ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं।

झारखंड और ओडिशा में टाटा स्टील ने किया स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर

डा. राजन चौधरी ने बताया कि कोविड 19 के सेकेंड वेव के समय ही हम सभी को यह अनुमान हो गया था कि थर्ड वेव भी आएगा। इसलिए केवल टीएमएच ही नहीं बल्कि झारखंड और ओडिशा के सभी लोकेशन में टाटा स्टील ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया। टीएमएच पाइपलाइन से आक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई। साथ ही झारखंड में झरिया, वेस्ट बोकारो और नोवामुंडी के अलावा ओडिसा में कलिंगनगर व जोड़ा में संचालित अस्पताल में 50-50 आक्सीजन बेड व 40 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की। इसके अलावा वेंटीलेटर, एक्स-रे मशीन, मेडिकल सपोर्ट सिस्टम, पल्स मीटर सहित अन्य उपकरण भी खरीदे गए।

केएसएमएस में रखे गए 42 मरीज

डा. चौधरी ने बताया कि थर्ड वेव को देखते हुए साकची स्थित केरला समाजम मॉडल स्कूल में 350 व ग्रेजुएट कॉलेज में 160 बेड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में केएसएमएस में 42 मरीजों को रखा गया है जो एसिम्टोमैटिक व माइल्ड अवस्था के हैं।

डाक्टर बताएंगे मरीजों का हाल

कोविड 19 के पहले व दूसरे वेव के समय यह समस्या आई कि टीएमएच में भर्ती मरीजों के बारे में उनके स्वजनों को जानकारी नहीं मिल पा रही है। लेकिन टीएमएच प्रबंधन ने आइटी की मदद से टीएमएच विश्वास द्वारा भर्ती मरीज के स्वजनों को दर्ज कराए गए मोबाइल नंबर रिपोर्ट भेजी गई। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब सोमवार से डाक्टर ही मरीजों का हालचाल बताएंगे। नई व्यवस्था के तहत 1ए के मरीजों के बारे में दोपहर 12 से एक बजे, 7ए के मरीजों के बारे में 10 से 11 बजे और 7बी के मरीजों के बारे में सुबह 11 से 12 बजे के बीच डाक्टर उनके स्वजनों को बताएंगे।

52 डाक्टर व 130 नर्स अब भी हैं संक्रमित

डा. चौधरी ने बताया कि पहली व दूसरी वेव के समय टीएमएच के 80 डाक्टर व 225 नर्स संक्रमित हुए थे। वर्तमान में 52 डाक्टर व 130 नर्स या तो संक्रमित हैं या उनके स्वजन संक्रमित होने के कारण वे ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। डाक्टर चौधरी ने बताया कि कोविड बेड बढ़ाने के कारण हमने अपने मैनपावर को भी बढ़ाया है।

टीएमएच के आंकड़ों पर एक नजर

  • 3.20 लाख कोविड टेस्ट किए गए अब तक
  • 1.70 लाख आरटी-पीसीआर हुए टेस्ट
  • 1.50 लाख किए गए ट्रूनेट व रैट टेस्ट
  • 1950 मरीज पिछले दिनों रैट टेस्ट से हुए पाजिटिव
  • 47.63 प्रतिशत है वर्तमान में पाजिटिविटी रेट
  • 7500 कोविड 19 मरीजों का अब तक का हो चुका है इलाज
  • 221 पॉजिटिव मरीज पिछले सप्ताह हुए भर्ती
  • 178 हुए पिछले सप्ताह डिस्चार्ज
  • 15 मरीजों की पिछले सप्ताह हुई मौत

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