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पाने की प्रवृत्ति से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण

कहा गया है कि मर्ज को छिपाने से हर्ज होता है। कोरोना के मामले में यही हो रहा है। सरकार प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की बार-बार अपील एवं चेतावनी के बावजूद लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं। जबकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि थोड़ा भी असहज लगे या कोविड-19 का कोई लक्षण दिखे तो तुरंत जांच कराएं..

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 06:30 AM (IST)
पाने की प्रवृत्ति से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण

पंकज मिश्रा, चाकुलिया : कहा गया है कि मर्ज को छिपाने से हर्ज होता है। कोरोना के मामले में यही हो रहा है। सरकार, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की बार-बार अपील एवं चेतावनी के बावजूद लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं। जबकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि थोड़ा भी असहज लगे या कोविड-19 का कोई लक्षण दिखे तो तुरंत जांच कराएं। इसके बावजूद अनेक लोग मर्ज को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं जो संक्रमण बढ़ाने में सहायक साबित हो रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि समाज में सभ्य एवं संभ्रांत कहे जाने वाले लोग ही अधिक ऐसा कर रहे हैं। चाकुलिया शहर में हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों ने स्थानीय सीएचसी में जांच कराने की बजाय चोरी-छिपे इलाज कराना शुरू कर दिया। जब मामला बिगड़ने लगा तब आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए बड़े अस्पतालों की ओर भागना पड़ा। स्थानीय प्रशासन को पता ना चले इसके लिए कुछ लोग दूसरे शहरों में जाकर निजी लैब में जांच करा रहे हैं। यहां तक तो फिर भी ठीक है, परंतु लक्षण रहने के बावजूद जांच नहीं करा कर कतिपय लोग दूसरों से मिलना जुलना भी कर रहे हैं। यह स्थिति घातक साबित हो रही है। विदित हो कि गाइडलाइन के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर प्रशासन द्वारा माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर घर के बाहर सूचना चस्पा किया जाता है। कुछ लोग मकान अथवा प्रतिष्ठान सील होने से तथा खबर नहीं फैलने से बचने के प्रयास में अपनी एवं दूसरों की जान खतरे में डाल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि यह मनोवृति काफी खतरनाक साबित हो सकती है। छिपाने के चक्कर में खुद खा रहे दवा : शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एसी झा ने कहा कि प्रतिदिन दर्जनों लोग यह कहते हुए संपर्क करते हैं कि दवा लिख दीजिए पर जांच नहीं कराएंगे। ऐसे लोगों द्वारा कोरोना के लक्षण बताने पर उन्हें जांच कराने को कहता हूं, पर छिपाने के चक्कर में वे जांच नहीं कराते। कुछ लोग दूसरे मरीज को लिखा गया पर्चा देखकर दवा खरीद ले रहे हैं और अपना इलाज खुद कर रहे हैं। ऐसे लोग अपने साथ-साथ अपने परिवार व समाज का भी अहित कर रहे हैं। छिपाने की प्रवृत्ति हत्या करने जैसी :

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चाकुलिया सीएचसी के सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ सुरेश चंद्र महतो ने कहा कि कोरोना के लक्षण होने पर जांच नहीं करा कर भीड़ भाड़ में जाना दूसरों की हत्या करने जैसा है। दुख की बात यह है कि ऐसा शहरी क्षेत्र के संभ्रांत कहे जाने वाले लोग अधिक कर रहे हैं। लोग बीमारी को छुपाने की प्रवृत्ति छोड़कर तुरंत जांच कराएं तथा खुद को आइसोलेट करें। कभी संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा।


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