Indian railway : कोरोना ने लगाया रेलवे के विकास कार्यों पर ब्रेक, रफ्तार हुई धीमी Jamshedpur News
Indian Railway. कोरोना की वजह से रेलवे के विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है। टाटानगर स्टेशन में फुट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य भी धीमा हो गया है।
जमशेदपुर, जासं। Indian Railway कोरोना की वजह से रेलवे के विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है। टाटानगर स्टेशन में पांच करोड़ की लागत से बनने वाला 95 मीटर लंबा और छह मीटर चौड़ा फुट ओवरब्रिज का कार्य भी धीमा हो गया है। जबकि इस फुट ओवरब्रिज का ड्राईंग भी पास हो गया है। काम को तीव्र गति देने के लिए रेलवे के पास मजदूरों की समस्या आने लगी है। कोरोना काल में मजदूर घर से निकलना ही नहीं चाह रहे हैं। वहीं प्लेटफार्म नंबर पांच से सेकेंड इंट्री गेट तक जोड़ने वाला फुट ओवरब्रिज का काम भी लंबित पड़ा है।
ऐसा माना जा रहा है कि करीब चार माह से यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद है। ऐसे में रेलवे की आमदनी का स्रोत ही बंद हो गया है। इन चार महीनों में रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। अब टाटानगर सहित अन्य स्टेशनों में विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए रेलवे को फंड की आवश्यकता है। हालांकि, टाटानगर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच से चाईबासा बस स्टैंड तक प्रस्तावित फुट ओवरब्रिज का काम तो शुरू हो गया है, लेकिन रफ्तार काफी कम है। अगर इसी तरह इसकी रफ्तार रही तो इसे तैयार होने में तीन वर्ष से भी ज्यादा लग सकते हैं।
टाटानगर में यात्रियों की दबाव कम करने के लिए किया जा रहा एफओबी का निर्माण
टाटानगर स्टेशन में प्रतिदिन 50-60 हजार यात्रियों का आना- जाना होता है। ऐसे में इन यात्रियों की भीड़ एक नंबर प्लेटफार्म तक पहुंच जाती है। एक नंबर प्लेटफार्म से यात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए और वर्षों पुराना फुट ओवरब्रिज पर यात्रियों का भार कम करने के लिए रेलवे ने टाटानगर में दो अन्य नए फुट ओवर ब्रिज निर्माण करने का निर्णय लिया था। इसके तहत एक फुट ओवर ब्रिज एक नंबर प्लेटफार्म से पांच नंबर प्लेटफार्म तक बन चुका है। लेकिन इसी ब्रिज को सेकेंड इंट्री बुकिंग काउंटर तक ले जाना है जिसका काम रुका हुआ है। जबकि तीसरा फुट ओवर ब्रिज प्लेटफार्म नबंर पांच से बुकिंग काउंटर से पीछे से होते हुए चाईबासा बस स्टैंड के समीप उतरेगा। इसे प्लेटफार्म नंबर पांच, चार, तीन व दो की पूरी भीड़ चाईबासा बस स्टैंड से बाहर निकल जाएगी।
स्टेशन पर भीड़ का दबाव होता था ट्रेन के परिचालन के वक्त
- टाटानगर स्टेशन से होकर 50 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनें रोज गुजरती थी।
- प्रतिदिन 50 से 60 हजार यात्री पहुंचते थे टाटानगर स्टेशन।
- 19 पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता था परिचालन।
- यात्रियों की संख्या के हिसाब से निकासी की व्यवस्था यहां नहीं है।