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Corona ALERT: जमशेदपुर में कोरोना बेकाबू, चार दिन में पॉजिटिविटी रेट 23.26 से बढ़कर 36.73 प्रतिशत, 34 की मौत

Jamshedpur Corona outbreak. पिछले एक साल की तुलना में वर्तमान हालात काफी खतरनाक है। सेकेंड वेब के संक्रमण को तभी रोका जा सकता है जब दूसरे संक्रमित के संपर्क में न आएं नहीं तो शहर में आंकड़े और बढ़ेंगे। इन सलाहों की अनदेखी न करें।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 05:29 PM (IST)
Corona ALERT: जमशेदपुर में कोरोना बेकाबू, चार दिन में पॉजिटिविटी रेट 23.26 से बढ़कर 36.73 प्रतिशत, 34 की मौत
जमशेदपुर में कोरोना के सेकेंड वेब का प्रकोप तेजी से फैल रहा है।

जमशेदपुर, जासं। लौहनगरी जमशेदपुर में कोरोना के सेकेंड वेब का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 13 अप्रैल को आरटी-पीसीआर की पॉजिटिविटी रेट 23.26 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 36.73 प्रतिशत हो गई है। जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट की पॉजिटिविटी रेट 5.20 प्रतिशत से बढ़कर 10.45 प्रतिशत हो गई है। पिछले चार दिनों में 34 मरीजों की मौत हुई है। जबकि पिछले एक सप्ताह में 27 मरीजों की मौत टीएमएच में हुई थी।

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यह कहना है टाटा मेन हॉस्पिटल के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी का। शुक्रवार शाम टेली कांफ्रेंस के माध्यम से उन्होंने यह जानकारी दी। बकौल डा. राजन, कोरोना का संक्रमण सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं, पूरे देश में तेजी से फैल रहा है। पिछले संक्रमण के मुकाबले सेकेंड वेब का संक्रमण काफी खतरनाक है। यह तेजी से संपर्क में आने वालों को संक्रमित करता है। संक्रमित होने वाले मरीजों को गंभीर रूप से बीमार करता है। डा. चौधरी ने बताया कि पिछले एक साल की तुलना में वर्तमान हालात काफी खतरनाक है। सेकेंड वेब के संक्रमण को तभी रोका जा सकता है जब दूसरे संक्रमित के संपर्क में न आएं नहीं तो शहर में आंकड़े और बढ़ेंगे। इसलिए टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार ने एक बार भी शहरवासियों से अपील की है कि वे बिना मास्क पहने बाहर नहीं निकले। नियमित रूप से सैनिटाइजर का उपयोग करें और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं।

टीएमएच में 328 बेड, सभी फूल

डा. राजन ने बताया कि टीएमएच में वर्तमान में कुल 478 बेड की क्षमता है। इनमें से ऑक्सीजन सुविधा के साथ 328 बेड टीएमएच में संचालित है। इनमें से 54 इंटेंसिव व नॉन इंटेंसिव बेड हैं। जबकि 150 बेड जीटी हॉस्टल-4 में संचालित हैं। यहां 13 एसिम्टोमैटिक मरीजों को रखा गया है। डा. चौधरी ने बताया कि जल्द ही उनके यहां 35 और ऑक्सीजन बेड की क्षमता बढ़ाई जाएगी। हमारी कोशिश है कि जो कम बीमार हैं उन्हें छुट्टी देकर घर पर ही इलाज की नसीहत दी जा रही है और जिन्हें सांस संबंधी समस्या है उन्हें इलाज की सुविधा दी जा रही है।

मरने वाले दो तिहाई मरीज 60 वर्ष से अधिक

डा. चौधरी ने बताया कि चार दिनों में जिन 34 मरीजों की मौत हुई है। उनकी औसत उम्र 40 से 79 वर्ष है। इनमें दो तिहाई मरीजों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है। ऐसे मरीज जिनका ब्लड शुगर अनियंत्रित हैं या इन्हें फेफेड़े का कैंसर है। ऐसे मरीजों की दाखिले के 48 घंटे से कम समय में ही मौत हो जा रही है। वहीं, एक तिहाई मरीज जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ, निमोनिया, बुखार, सिर में दर्द की शिकायत थी।

बढ़ाई जा रही है बेड की क्षमता

डा. चौधरी ने बताया कि टीएमएच सहित उपायुक्त के निर्देश पर शहर के सभी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। गुरुवार से टिनप्लेट अस्पताल में 60 बेड वाले कोविड वार्ड शुरू किया गया है जहां वर्तमान में सात मरीज भर्ती हैं। इसके अलावे टाटा मोटर्स भी अपनी बेड की क्षमता बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि मेडिका को जल्द शुरू करने में टाटा मेन हॉस्पिटल भी सहयोग कर रही है।

33 डाक्टर हो चुके हैं संक्रमित

डा. राजन ने बताया कि टीएमएच में लगभग 325 डाक्टर कार्यरत हैं। इसका दसवां हिस्सा यानि लगभग 33 डाक्टर संक्रमित हो चुके हैं जिनसे हम सेवा नहीं ले रहे हैं। 17 डाक्टर पॉजिटिव हो चुके हैं जबकि शेष दूसरे मरीजों के संपर्क में आने के बाद एसिम्टोमैटिक हैं। वहीं, डा. चौधरी ने बताया कि गंभीर रूप से दूसरी बीमारियों के मरीजों को टीएमएच में इलाज में किसी तरह की दिक्कत आने नहीं दी जा रही है।


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