NH 33 construction : एनएचएआइ की लेटलतीफी से कई स्थानों पर रुका टाटा-रांची राष्ट्रीय उच्चपथ का निर्माण
10 वर्षों से अधिक समय से बन रहे टाटा-रांची राष्ट्रीय उच्चपथ-33 अब नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया की लापरवाही के कारण एक बार फिर चार स्थानों पर सड़क का निर्माण कार्य रुक गया है। कार्य रुकने का कारण वन विभाग से जमीन का एनओसी नहीं मिलना है।
जमशेदपुर : 10 वर्षों से अधिक समय से बन रहे टाटा-रांची राष्ट्रीय उच्चपथ-33 अब नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया की लापरवाही के कारण एक बार फिर चार स्थानों पर सड़क का निर्माण कार्य रुक गया है। कार्य रुकने का कारण वन विभाग से जमीन का एनओसी नहीं मिलना है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एनएचएआइ ने जमीन के संबंध में अपना प्रपोजल अब तक वन विभाग को नहीं सौंपा है। ।
सितंबर माह में उच्च स्तरीय टीम ने किया था स्थल निरीक्षण
टाटा- रांची राष्ट्रीय राजमार्ग 33 के चौड़ीकरण में बाधा बन रहे दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी की जमीन मामले को सुलझाने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम सितंबर 2020 में स्थल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण करने वाले टीम में दलमा के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार, एनएचएआई जमशेदपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एके कपूर, एनएचएआई के इंजीनियर रघुवीर यादव, सहायक वन संरक्षक, प्रोजेक्ट मैनेजर, दलमा के वनक्षेत्र पदाधिकारी शामिल थे। टीम ने सभी कार्यस्थल का निरीक्षण किया। इस संबंध में जब दलमा के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अब तक एनएचएआई की ओर से किसी तरह का कोई प्रपोजल उनके पास नहीं आया है। उन्होंने बताया कि मोबाइल पर सूचना मिली है कि सड़क की डिजाइन में परिवर्तन हुआ है। जिसके कारण ही प्रपोजल देने में विलंब हो रहा है।
वन विभाग की जमीन पर होने वाले कार्य
- पारडीह व मिर्जाडीह में एलीफैंट अंडरपास और एप्रोच रोड के लिए 1.62 हे.
- बिजली हाईटेशन तार के लिए 2 हेक्टेयर वनभूमि की जरुरत
- चांडिल के पाटा में रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए 0.69 हेक्टेयर वनभूमि की जरुरत
- भवन निर्माण विभाग का मौजा अासनबनी में क्वार्टर व शेड बना है, उसके लिए वनभूमि की जरुरत
एक सप्ताह में भेजा जाएगा प्रस्ताव : प्रोजेक्ट डायरेक्टर
इस संबंध में एनएचएआई जमशेदपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एके कपूर का कहना है कि चूंकि डिजायन में बदलाव हो जाने के कारण उन्होंने अब तक वन विभाग को प्रस्ताव नहीं सौंप सके हैं। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर वन विभाग को अपना प्रपोजल सौंप देंगे