Farmers Support : जमशेदपुर सड़क पर थाली बजाते हुए घूमे कांग्रेसी, प्रधानमंत्री के 'मन की बात' का विरोध
Congress Supports Farmers. कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ता रविवार को बिष्टुपुर में मेन रोड पर थाली बजाते हुए घूमे। बिष्टुपुर स्थित जी. टाउन मैदान से पोस्टल पार्क तक निकली रैली में ट्रैक्टर और हल के साथ किसान भी शामिल थे।
जमशेदपुर, जासं। कांग्रेस कार्यकर्ता रविवार को बिष्टुपुर में मेन रोड पर थाली बजाते हुए घूमे। बिष्टुपुर स्थित जी. टाउन मैदान से पोस्टल पार्क तक निकली रैली में ट्रैक्टर और हल के साथ किसान भी शामिल थे। दरअसल, कांग्रेसी प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे।
इस दौरान कुछ के हाध में तरह-तरह के नारे-स्लोगन लिखे हुए तख्ती (प्लाकार्ड) थे, जबकि कुछ ने कंधे पर हल भी रखा था। पदयात्रा कर ताली - थाली बजाते हुए कांग्रेसियों ने प्रधानमंत्री का पुतला भी फूंका। कांग्रेस के कोल्हान प्रभारी (ओबीसी मोर्चा) धर्मेंद्र सोनकर के नेतृत्व में निकली पदयात्रा में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस मौके पर धर्मेंद्र सोनकर ने कहा कि कई किसानों ने ठंड से दम तोड़ दिया। वर्तमान सरकार मन की बात करती है। उसे जगाने के लिए आज ताली-थाली बजाई गई। इस सरकार को काले कानून वापस लेने होंगे। सोनकर ने कहा कि किसान हमारा अभिमान है।
कार्यक्रम में से रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में सुरेंद्र शर्मा, प्रकाश बिरूवा, सोनू रजक, पोले, बीरेंद्र, पिंकू, अरमान, हरप्रीत, गोलू, शंकर महतो, छोटू महतो, हैदर गद्दी, अमन रजक, संकी सिंह, अमित दुबे, छोटू गद्दी, नानू, रवि प्रसाद, सुनील यादव, देबू प्रमाणिक, राज किशोर, जितेंद्र कुमार, संजीव पाठक, सोमनाथ सिंह, साढू सिंह, सुमित सिंह, दिलीप सिंह, आफताब हुसैन, बिट्टू प्रसाद, करण सोनकर, राहुल जायसवाल, अमन झा, चंदन प्रसाद, चंदन जयसवाल, हेमंत राव, मुकेश प्रसाद, संजय शर्मा, अमन गुप्ता, आकाश सोनकर, शमीम गद्दी, रोहित यादव, प्रिंस सोनकर आदि शामिल थे।
वामपंथी संगठनों ने साकची में किया प्रदर्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम का विरोध वामपंथी संगठनों ने साकची में किया। मजदूर संगठन सीटू (सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन) के कोल्हान प्रभारी विश्वजीत देव की अगुवाई में साकची गोलचक्कर पर वामपंथी कैडरों ने टिन व कनस्तर बजाया। इस प्रदर्शन में जनवादी महिला समिति और किसान सभा के प्रतिनिधि भी शामिल थे।