Navaratra 2020: चैत्र नवरात्र आज से, कई मंदिरों के पट बंद; घर पर ही करें पूजा Jamshedpur News
कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष सिर्फ नियमानुसार पूजा-अर्चना की जाएगी। पंडित व आचार्यों ने श्रद्धालुओं से अपने घरों में कलश स्थापना कर नवरात्र की पूजा करने की अपील की है।
जमशेदपुर, जासं। चैत्र नवरात्र यानी बासंतिक नवरात्र बुधवार से शुरू हो गया है। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष भी शुरू हुआ। इस वर्ष चैत्र नवरात्र की नवमी दो अप्रैल को मनाई जाएगी। दशमी तीन अप्रैल को होगी, इसी दिन नवरात्र का पारण भी होगा। देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है। इसको लेकर एक तरफ जहां लॉक डाउन में कर्फ्यू की स्थिति है वहीं शहर के कई मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं।
कई मंदिर की ओर से श्रद्धालुओं को नवरात्र में मंदिर आने के बजाय अपने-अपने घर पर ही पूजा करने का आहवान किया गया है। पूजा आयोजन समितियों ने इस वर्ष किसी भी तरह के आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष सिर्फ नियमानुसार पूजा-अर्चना की जाएगी। पंडित व आचार्यों ने श्रद्धालुओं से नवरात्र के दौरान अपने-अपने घरों में कलश स्थापना कर नवरात्र की पूजा करने की अपील की है। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉक डाउन के कारण चैत्र नवरात्र की तैयारी भी प्रभावित हुआ है। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन के कारण पूजन सामग्री की खरीदारी करने में लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। मंगलवार की सुबह सामानों की खरीदारी के लिए किराना दुकानों पर भक्तों की भीड़ जुटी थी। श्रद्धालुओं को कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण नवरात्र के दौरान खास सावधानी बरतनी होगी।
हिन्दू नववर्ष को लेकर इस बार है अलग तैयारी
कदमा स्थित रंकिणी मंदिर का कपाट कोरोना वायरस के कारण बंद कर दिया गया है। ऐसे में नवरात्र के दौरान बंद कपाट में माता की पूजा की जाएगी, जिसमें सिर्फ पूजारी ही मौजूद रहेंगे।
- जर्नादन पांडेय, महासचिव रंकिणी मंदिर
कोरोना वायरस के कारण ऐसे भी लोग मंदिर नहीं आ रहे हैं। मंदिर से भी श्रद्धालुओं को वायरस के रोकथाम होने तक घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है। ऐसे में श्रद्धालु इस नवरात्र में घर में रहकर ही मां दुर्गा की पूजा करें। घर में किसी भी कीर्तन और सत्संग का आयोजन न करें। कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए इस मां दुर्गा की अराधना घर में रहकर ही एकांत में करनी होगी।
- मोनू भट्टाचार्य, बेल्डीह कालीबाड़ी