Mission Amrit Sarovar : पश्चिमी सिंहभूम में बनेंगे 75 अमृत सरोवर, 27 के लिए स्थल का हुआ चयन, इसके बनने से होंगे ये फायदे
Mission Amrit Sarovar Chaibasa सरोवर पर जीविका उपार्जन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिशन अमृत सरोवर योजना अंतर्गत चाईबासा में 75 अमृत सरोवर बनाई जाएगी। 27 अमृत सरोवर स्थल का चयन किया गया है एवं शेष स्थल का चयन कर 24 घंटे के अंदर होगा।
चाईबासा,जासं : पश्चिमी सिंहभूम जिला में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना "मिशन अमृत सरोवर" के तहत 75 सरोवर को नया स्वरूप देते हुए जल संरक्षण किया जायेगा। इस महत्वपूर्ण योजना को लेकर बुधवार को उपायुक्त अनन्य मित्तल ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
उपायुक्त ने कहा कि जल स्तर को बढ़ाने तथा उक्त सरोवर पर जीविका उपार्जन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिशन अमृत सरोवर योजना अंतर्गत जिले को 75 अमृत सरोवर का लक्ष्य प्राप्त है जिसमें लगभग 27 अमृत सरोवर स्थल का चयन किया गया है एवं शेष स्थल का चयन कर 24 घंटे के अंदर करने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है l उन्होंने कहा की विभाग के द्वारा प्रस्तावित स्थल का पुनः क्षेत्र भ्रमण कर प्रतिवेदित करेंगे कि उक्त स्थल पर अमृत सरोवर का निर्माण करना संभव है अथवा नहीं। संभव नहीं होने पर किसी अन्य स्थल का चयन करेंगे परंतु ध्यान देंगे कि उक्त स्थल 1 एकड़ से कम ना हो एवं किसी प्रकार से विवादित ना हो तथा उक्त क्षेत्र में पानी का अभाव हो। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि अमृत सरोवर की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए 1 विभागीय पदाधिकारी या कर्मी एवं 1 स्थानीय जनप्रतिनिधि यथा मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं मुण्डा-मानकी को सरोवर लीडर के रूप में नामित करते हुए प्रतिवेदन देंगे ताकि संयुक्त भागीदारी के साथ चयनित स्थल को अमृत सरोवर का रूप दिया जा सके।
पालतू जानवरों बांध कर रखने की अपील की
नोवामुंडी। सेल की किरीबुरु व मेघाहातुबुरु शहर के टाउनशिप क्षेत्र के पशु पालकों से किरीबुरु के लोगों ने पालतू जानवरों को घर में बांधकर रखने की अपील की है। लोगों ने कहा है कि शहर के पशु पालक गाय, बकरी आदि को पाल कर उसके दूध को बेच रोजगार से जुड़े हैं, जो अच्छी बात है। इससे सिविल विभाग को भी कोई आपत्ति नहीं है लेकिन दुख की बात यह है कि वे इन पालतू गाय का इस्तेमाल सिर्फ दूध निकालने मात्र से रखते हैं। दूध निकालने के बाद उन्हें सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं। इससे वे दिन-रात सड़कों पर बैठी रहती हैं व गोबर आदि कर गंदगी फैलाती है। इससे वाहनों के आवागमन प्रभावित होने के साथ-साथ सड़क दुर्घटना की हमेशा संभावना बनी रहती है जिस तरह से पशु पालक गाय का दूध निकाल व बेच आय प्राप्त करते हैं, उसी प्रकार इनकी सेवा व देखभाल करते हुए अपने-अपने घरों, खटालों या आसपास के पेड़ों में इन्हें बांध कर रखें।