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जमीन खोजने में ही लग गए आठ साल, कब बनेगा कैंसर अस्पताल

आठ साल पहले ही शहर के लोगों को कैंसर अस्पताल खोलने का सुनहरा सपना दिखाया गया था लेकिन अब तक यह मूर्त रूप नहीं ले सका है।

By Edited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 01:41 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 08:30 AM (IST)
जमीन खोजने में ही लग गए आठ साल, कब बनेगा कैंसर अस्पताल
जमीन खोजने में ही लग गए आठ साल, कब बनेगा कैंसर अस्पताल

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। आठ साल पहले ही शहर के लोगों को कैंसर अस्पताल खोलने का सुनहरा सपना दिखाया गया था लेकिन अब तक यह मूर्त रूप नहीं ले सका है। इन आठ वर्षो में अब तक सिर्फ जमीन ही खोजी जा सकी है। कछुए से भी धीमी चाल के कारण यह कहना मुश्किल सा है कि अस्पताल कब बनेगा और इलाज कब तक शुरू होगा।

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यह अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज परिसर में प्रस्तावित है। यहां पर वर्ष 2011 से ही 50 बेड के अस्पताल खोलने की कवायद चल रही है। केंद्र व राज्य सरकार की मदद से खुलने वाले इस अस्पताल को लेकर दिसबंर, 2016 में भी नई दिल्ली में एक बैठक हुई थी लेकिन उसके बाद भी काम आगे नहीं बढ़ा सका। अभी तक सिर्फ एमजीएम कॉलेज परिसर में सात हजार स्क्वायर फीट की जगह का चयन किया जा सका है। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग कितनी सुस्त गति से काम कर रहा है।

इलाज के लिए मरीजों को बाहर महंगे अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है और जो सक्षम नहीं हैं उनकी सुननेवाला कोई नहीं है।

पांच साल से ढूंढ़े जा रहे मेडिकल फिजिसिस्ट

कैंसर अस्पताल खोलने के लिए पांच साल से मेडिकल फिजिसिस्ट ढूंढे़ जा रहे हैं। मेडिकल फिजिसिस्ट नहीं मिल पाना बड़ी समस्या है। इसी वजह से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। राज्य सरकार की ओर से दो मेडिकल फिजिसिस्ट की नियुक्ति कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना है, जिसे अबतक नहीं भेजा जा सका है। चिकित्सकों की सलाह के अनुरूप मशीन पर डोज सेट कर रेडियेशन देने का काम मेडिकल फिजिसिस्ट ही करते हैं। उनके बिना रेडियोथेरेपी मशीनों के लाइसेंस का नवीकरण नहीं पो पाता है। इतना ही नहीं, नई मशीनों का लाइसेंस भी नहीं मिल सकता।

कोल्हान में हर साल कैंसर के तीन हजार नए रोगी

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार हर साल एक लाख में 52 पुरुष व 68 महिलाएं कैंसर से प्रभावित होते हैं। इसके अनुरूप कोल्हान में प्रतिवर्ष तीन हजार लोग कैंसर के शिकार होते हैं। इनमें से अधिकांश रोगियों को रेडियोथेरेपी की आवश्यकता पड़ती है।

दो मंजिला होगा भवन

ग्राउंड फ्लोर में ओपीडी एमजीएम कॉलेज प्रबंधन ने इस अस्पताल को लेकर एक प्रारंभिक नक्शा तैयार किया है। दो मंजिला भवन के ग्राउंड फ्लोर में ओपीडी, थेरेपी सेंटर, वेटिंग हॉल, रिकॉर्ड रूम सहित अन्य सुविधाएं होंगी। ऊपर 50 बेड का वार्ड होगा। इसमें 25 बेड महिलाओं व 25 पुरुषों के लिए होंगे।

कैंसर अस्पताल खोलने की प्रकिया चल रही है। मेडिकल फिजिसिस्ट की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। अस्पताल खुलने से कैंसर रोगियों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। - डॉ. एसी अखौरी, प्रिंसिपल, एमजीएम।


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