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वर्ष 2000 से बंद केबुल कंपनी दिवालिया घोषित, एनसीएलटी ने दिया आदेश Jamshedpur News

इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) को दिवालिया घोषित करने का आदेश नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की डबल बेंच ने दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 09:59 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 05:29 PM (IST)
वर्ष 2000 से बंद केबुल कंपनी दिवालिया घोषित, एनसीएलटी ने दिया आदेश Jamshedpur News
वर्ष 2000 से बंद केबुल कंपनी दिवालिया घोषित, एनसीएलटी ने दिया आदेश Jamshedpur News

 जमशेदपुर, जासं।  अप्रैल 2000 से बंद इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) को दिवालिया घोषित करने का आदेश नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की डबल बेंच ने दिया है। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) के आवेदन पर जस्टिस एमबी गोसावी और वीके गुप्ता ने यह आदेश दिया।

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अब इस कंपनी की परिसंपत्ति बेचकर सभी लेनदारों को उनका बकाया पैसा चुकाया जाएगा। एनसीएलटी ने इस फैसले के खिलाफ में 30 दिनों के अंदर अपना पक्ष एनसीएलएटी (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) दिल्ली में रखने को कहा है। मालूम हो कि 24 जनवरी को एनसीएलटी में अंतिम सुनवाई हुई थी। लगातार तीन दिन सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। एनसीएलटी के निर्देश पर आरपी ने कंपनी की स्थिति पर निर्णय लेने के लिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) का गठन किया था। इसमें कमला मिल्स, पेगासस व आरआर केबुल सहित अन्य कंपनियां शामिल हैं। इंकैब को पुनर्जीवित करने के लिए कर्मचारियों ने प्रस्ताव एनसीएलटी में सौंपा था। इसके लिए उनकी ओर से 46/ 2020 याचिका दायर की गई थी। 

आइबीसी एक्ट का हुआ उल्लघंन : अधिवक्ता

एनसीएलटी में कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता आकाश शर्मा ने एनसीएलटी के आदेश को अपीलिएट कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। उनका कहना है कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी कोड की प्रस्तावना 12 से 31 में किसी भी कंपनी को पुनर्जीवित करने के बारे में बताया गया है। कर्मचारियों के प्रस्ताव के बावजूद कंपनी को दिवालिया घोषित किया गया है। इस फैसले को नई दिल्ली कोर्ट में चुनौती देंगे।

अब इंकैब का मामला जाएगा एनक्लैट

इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) के दिवालिया होने पर द इंडियन केबुल वर्कर्स यूनियन के महामंत्री रामविनोद सिंह ने कहा कि पहले कोर्ट के आदेश की प्रति निकाली जाएगी। इसके बाद उसका अध्ययन किया जायेगा। इपर आदेश को एनक्लैट में चुनौती दी जाएगी। एनसीएलटी में 30 तीन के अंदर आपत्ति दर्ज करने का समय है। इससे पूर्व पूरी तैयारी के साथ यूनियन कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। उधर, इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक आरबी सिंह ने कंपनी को दिवालिया घोषित करने के निर्णय पर अफसोस जताया है। 

आसानी से नहीं होने देंगे नीलामी : राकेश्वर

इंकैब को दिवालिया घोषित करने के निर्णय पर मजदूर नेता राकेश्वर पांडेय ने दुख प्रकट किया है। कहा है कि यह मजदूर वर्ग के लिए एक बड़ी क्षति होगी लेकिन इस कंपनी को आसानी से नीलामी नहीं होने देंगे। कंपनी को बचाने के लिए मजदूरों की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति के तहत लड़ाई लड़ेंगे। राकेश्वर ने कहा कि कंपनी की यह स्थिति आपसी लड़ाई की वजह से हुई है। 


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