TATA STEEL में बीएससी पास कर्मचारी पुत्रों को नौकरी में नहीं मिलेगी वरीयता
टाटा स्टील ने बैचलर्स ऑफ साइंस (बीएससी) डिग्रीधारी कर्मचारी पुत्रों का पुल बनाकर कंपनी में नौकरी में तरजीह देने की मांग को ठुकरा दिया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा स्टील के वैसे कर्मचारी पुत्र जो बेचलर्स ऑफ साइंस (बीएससी) हैं उनका पुल बनाकर कंपनी में नौकरी में तरजीह देने की मांग की गई। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने इसे नकार दिया।
टाटा स्टील कंपनी के बोर्ड रूम में ज्वाइंट कंसल्टेटिव कमेटी ऑफ मैनेजमेंट (जेसीसीएम) की बैठक हुई। इसमें कुछ पदाधिकारियों ने बीएसई पास कर्मचारी पुत्रों का मामला उठाते हुए कहा कि मेटालर्जी और डिप्लोमा पास के स्थान पर इन्हें भी मौका मिले। इस पर अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में जो मेटलर्जी सहित अन्य विधाओं में डिप्लोमा या डिग्री कर आते हैं वे सीधे एनएस-4 में ज्वाइन करते हैं। नई व्यवस्था से डिप्लोमा व डिग्री करके आने वाले प्रतिभाओं के साथ नाइंसाफी होगी।
बैठक में स्पोर्ट्स कमेटी ने एक प्रस्तुति दी। कहा कि शहर के अधिकतर मैदानों की घेराबंदी या उनका व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। बच्चों को खेलने के लिए जगह नहीं है। इसलिए शहर के किसी एक क्षेत्र में बच्चों के लिए खेल का मैदान विकसित किया जाए। इस पर कंपनी के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने विचार करने की बात कहीं। बैठक में कंपनी के वरीय अधिकारी व यूनियन नेतृत्व उपस्थित थे।
एमडी ने मार्केट की स्थिति पर दी जानकारी
बैठक के बाद यूनियन नेतृत्व की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि एमडी ने मार्केट की स्थिति पर जानकारी दी। इसके साथ ही सेफ्टी पर विशेष जोर देने को कहा। वहीं, प्रबंधन की ओर से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने सभी यूनियन नेतृत्व को बताया कि क्वार्टर के लंबित टोटल रिपेयरिंग मेंटनेंस (टीआरएम) का काम अब दोगुनी तेजी से होगा। जुस्को प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि लंबित टीआरएम जॉब को निपटाने के लिए प्राइवेट वेंडरों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। वहीं, यूनियन नेतृत्व ने टाटा स्टील द्वारा नवनिर्मित आधुनिक कैंसर अस्पताल की सुविधाओं की तारीफ की।
बनेगी अलग कमेटी
बैठक में तय हुआ कि पुरी में ज्वाइंट कंसल्टेटिव अधिवेशन के बाद ज्वाइंट डिपार्टमेंट काउंसिल (जेडीसी) में डायवर्सिटी एंड इंक्लूशन नाम से एक नई सब कमेटी बनेगी। इसे सदस्यों ने जेडीसी की अनुशंसा पर प्रभावी करने को कहा।
अध्यक्ष ने नितेश को टोका
बैठक के दौरान सहायक सचिव नितेश राज कई बिंदुओं पर सवालों का पुलिंदा लेकर पहुंचे थे ताकि उसे प्रबंधन के समक्ष रख सके। लेकिन एक-दो सवालों के बाद अध्यक्ष ने ही उसे टोक कर चुप करा दिया और दूसरे सदस्यों से सवाल रखने को कहा। ऐसे में कुछ पदाधिकारियों ने बैठक के बाद आपस में ही नराजगी जाहिर की। कहा कि जब एमडी या प्रबंधन के अधिकारियों को जल्दी नहीं है तो अध्यक्ष क्यों टोका-टोकी कर अपने साथी सदस्यों का मनोबल गिराते हैं।
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