आत्मनिर्भर झारखंड: ब्लू प्रिंट है तैयार, बस अमलीजामा पहनाना बाकी Jamshedpur News
आत्मनिर्भर झारखंड. कोरोना संक्रमण के दौर में घर लौट रहे प्रवासी मजदूर भी चाहते हैं कि उन्हें यहीं काम मिल जाए। यदि इलाके में बांस आधारित उद्योग की स्थापना हो जाए तो क्या कहने।
चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), जेएनएन। चाकुलिया का बांस पूर्वी सिंहभूम ही नहीं समूचे देश में मशहूर है। जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका अदा करने में समक्ष है। जरूरत है इसके लिए सरकार को ठोस कार्ययोजना बनाने की। जिला प्रशासन को भी चाहिए कि इसके लिए एक कार्ययोजना बनाकर राज्य सरकार को भेजे। विशेषज्ञों की टीम गठित करे। इस इलाके का अध्ययन कराए। बुनियादी जरूरतों की शिनाख्त करे। कोरोना संक्रमण के दौर में घर लौट रहे प्रवासी मजदूर भी चाहते हैं कि उन्हें यहीं काम मिल जाए। यदि इलाके में बांस आधारित उद्योग की स्थापना हो जाए तो इनकी तमन्ना पूरी हो जाएगी।
बहरागोड़ा व चाकुलिया के बांस के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार है। बस इसे अमलीजामा पहनाना बाकी है। यह बातें डीएफओ डॉ. अभिषेक कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि यहां के बांस को विश्वस्तरीय पहचान दिलाकर ही दम लेंगे। ब्लू प्रिंट के अनुसार ही वन विभाग कार्य भी कर रहा है। इसके लिए बहरागोड़ा में हाईवे किनारे बांस प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया जा चुका है। इस केंद्र में किसानों तथा उत्पादकों को ट्रेनिंग उपलब्ध कराया जायेगा। इसके बाद इसके मार्केटिंग की व्यवस्था भी होगी। हाइवे किनारे होने के कारण यह काफी आसानी से उपलब्ध हो जायेगा। कनेक्टिविटी अच्छी होने के कारण यहां व्यवसायियों एवं ग्राहकों को आने में कोई दिक्कत भी नहीं है। हम इस क्षेत्र के बांस को हाईटेक बनाने की योजना भी कार्य कर रहे हैं।
अलग वेबसाइट बनाने की तैयारी
आने वाले दिनों में हो सकता है कि इसका अलग वेबसाइट भी बनें। सारी सूचनाएं इस वेबसाइट में डाली जायेगी। ऑनलाइन बांस से सामग्रियों की खरीदने की भी व्यवस्था होगी। । सबसे पहले कोल्हान, बंगाल व ओडिशा की मांग के अनुरूप बांस से सामग्रियों का उत्पादन होगा। सबसे ज्यादा मांग बांस से बने डिमांड, टेबुल व कुर्सी तथा चटाई की है। इस मांग का सबसे पहले पूरा किया जायेगा। यही से आत्मनिर्भर झारखंड की झलक दिखाई पड़ेगी। आत्मनिर्भर झारखंड की कड़ी में चाकुलिया का बांस अपनी भूमिका अदा करेगा। बहरागोड़ा प्रसंस्करण केंद्र प्रारंभ हो जाने से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा।
झारक्राफ्ट से मिलेगा बांस उद्योग को नया आयाम : उपायुक्त
पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बताया कि चाकुलिया से बहरागोड़ा तक बांस की प्रचुर खेती है। यहां के बांस की गुणवत्ता भी काफी अच्छी है, लेकिन यहां के किसान ज्यादातर बांस टेंट-पंडाल के अलावा कंस्ट्रक्शन सेक्टर में बेच देते हैं। जहां तक बांस प्रसंस्करण की बात है तो इसके लिए झारक्राफ्ट काम कर रही है। झारक्राफ्ट बांस से घरेलू उपयोग और सजावटी सामान बनाने के लिए यहां के लोगों को प्रोत्साहित कर रही है। विभिन्न एनजीओ भी इनके उत्पाद खरीद रहे हैं। हालांकि इसे व्यापक रूप दिया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया भी चल रही है। बेशक चाकुलिया समेत पूर्वी सिंहभूम जिले को बांस प्रसंस्करण उद्योग के माध्यम से पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
इलाके में बांस से रोजगार पैदा करने का होगा प्रयास
बहरागोड़ा विधानसभा में बांस से रोजगार पैदा करने का प्रयास किया जायेगा। यहां रोजगार की संभावनाएं हैं। बस इस पर काम पूरी शिद्दत के साथ होना चाहिए। यह बातें चाकुलिया के रेंजर सह सहायक वन संरक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहीं। बांस की सामग्री का जितना उत्पादन होगा, उतने ही लोग इससे जुड़ेंगे और अधिक बांस का उत्पादन होगा। यहां के पहाड़ी बांस की मांग काफी है। वर्तमान में हरियाणा, दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जाता है। ग्रीन गोल्ड योजना के कारण इस कार्य में लगे व्यवसायियों में दिलचस्पी जगी है। वे भी इस क्षेत्र में अब रोजगार की अलग से संभावनाएं तलाश रहे हैं। चाकुलिया एवं बहरागोड़ा के बांस में अपार संभावनाएं हैं। पलामू में बांस से सोफा, बास्केट अन्य आकर्षक सामग्री बनाई जाती है। यहां के बांस की मार्केङ्क्षटग सही ढंग से नहीं हो पा रही है। इसे दुरूस्त करने की आवश्यकता है। मार्केटिंग को पूरी तरह से आधुनिक व हाईटेक बनाना होगा। इसमें ऑनलाइन कार्य भी होना चाहिए। यह आज के समय की मांग है। व्यवसायी ऑनलाइन मार्केटिंग को बढ़ावा देने का प्रयास करें। हमारा प्रयास रहेगा कि इस क्षेत्र को बांस से एक अलग पहचान दिलाने में वन विभाग अपनी भूमिका अदा करें।
बोले जनप्रतिनिधि
बांस को दिलायेंगे पहचान
लोधाशुली के मुखिया रीदानाथ मुर्मू ने बताया कि वे चाकुलिया के बांस को अलग पहचान दिलाने में हर संभव प्रयास करेंगे। आने वाले दिनों क्षेत्र के बांस उत्पादक किसानों के साथ बैठक करेंगे।
जीविका का खास हिस्सा है बांस
जिला परिषद सदस्य जगन्नाथ महतो ने कहा कि यह चाकुलिया के किसानों एवं मजदूरों की जीविका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे और समृद्ध करने की जरूरत है। प्रशासन को इसके विकास को आगे आना होगा।
आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत
जिला परिषद सदस्य शिवचरण हांसदा बताते हैं कि यहां के बांस उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। आत्मनिर्भर होने से चाकुलिया के बांस की अलग पहचान दिखाई पड़ेगी। बांस को पहचान दिलाने में उनकी सामग्री का अहम रोल है।
बांस से रोजगार का होगा प्रयास
बहरागोड़ा के जिला परिषद सदस्य अर्जुन पूर्ति का कहना है कि वे बांस से रोजगार दिलाने के लिए का बढ़ाने का प्रयास करेंगे। वन विभाग से मिलकर इस पर काम किया जायेगा।