रद हो सकती है बिष्टुपुर राम मंदिर के पूर्व अध्यक्ष की सदस्यता
बिष्टुपुर राम मंदिर का माहौल एक बार फिर पूर्व अध्यक्ष शंकर राव के कारण गरमा सकता है। यहां तक शंकर राव की सदस्यता तक रद हो सकती है। वर्तमान समिति इसकी तैयारी भी कर रही है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर राम मंदिर का माहौल एक बार फिर पूर्व अध्यक्ष शंकर राव के कारण गरमा सकता है। यहां तक शंकर राव की सदस्यता तक रद हो सकती है। वर्तमान समिति इसकी तैयारी भी कर रही है। दरअसल, शंकर राव को वर्तमान समिति की ओर से दस से अधिक पत्र वित्तीय अनियमितताओं को लेकर भेजे गए, लेकिन इसका सही जवाब अब तक नहीं मिला। इस कारण वर्तमान समिति उनकी सदस्यता को रद करने पर विचार कर रही है। इसके साथ कई और लोगों की सदस्यता जा सकती है। जानकारी के अनुसार शंकर राव के कार्यकाल में 267 नए सदस्य बनाए गए थे। इन सदस्यों की राशि को कोई हिसाब-किताब उन्होंने अब तक नहीं दिया है। इसके अलावा गोपुरम की राशि के बारे में भी कोई अता-पता नहीं है। कई और मामले में भी कोई हिसाब-किताब नहीं दिया गया। वर्तमान समिति के कार्यभार के दौरान शंकर राव ने भरोसा दिलाया था कि वे दस दिनों के अंदर सारा हिसाब-किताब दें देंगे, लेकिन साल भर हो गए स्थिति जस की तस बनी हुई है। समस्या विकट होती जा रही है। वर्तमान समिति चाहती है कि मिल बैठकर मामले का समाधान कर लिया जाए। इस कारण उन्हें कई बार पत्र भेजा गया। सकारात्मक जवाब नहीं मिल पाने के कारण अब अधिकत्तर कार्यकारिणी सदस्यों ने उनकी सदस्यता को रद करने का फैसला ले लिया है। पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए शंकर राव एवं तत्कालीन कोषाध्यक्ष की सदस्यता समाप्त की जाएगी।
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-कई बार मंदिर समिति की ओर से सदस्यता शुल्क एवं अन्य राशियों को लेकर पूर्व अध्यक्ष से पत्राचार किया गया है। वे सही जवाब नहीं दे रहे हैं और न ही मंदिर आकर हिसाब-किताब कर रहे हैं। अब यह बर्दाश्त के बाहर हो रहा है। जहां तक सदस्यता समाप्त करने की बात है यह निर्णय एजीएम में लिया जाएगा। सदस्यता समाप्त करने पर मंदिर के वर्तमान पदाधिकारियों की राय साफ है।
- वीडी गोपाल, अध्यक्ष, बिष्टुपुर राम मंदिर कमेटी।
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-मैंने मंदिर समिति को अपना जवाब भेज दिया है, उन्हें जवाब समझ में नहीं आ रहा है। सदस्यता शुल्क नहीं जमा करने का आरोप निराधार है। किसी भी सदस्य या पदाधिकारी की सदस्यता समाप्त करना उतना आसान नहीं है। इसके लिए कई प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।
- सीएच शंकर राव, पूर्व अध्यक्ष, बिष्टुपुर राम मंदिर कमेटी।