सुबह अभिषेकम व शाम को भगवान बालाजी ने किया नगरभ्रमण
बिष्टुपुर राम मंदिर में बुधवार से गोल्डन जुबिली ब्रह्मोत्सव की शुरुआत हुई। सुबह भगवान का अभिषेकम पूरे दक्षिण भारतीय विधि विधान से किया गया। शाम को विश्वकसेन वाहन से भगवान को नगर भ्रमण कराया गया। बुधवार को पहले दिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 600 बजे नित्यकटला पूजा की गई।
जासं, जमशेदपुर : बिष्टुपुर राम मंदिर में बुधवार से गोल्डन जुबिली ब्रह्मोत्सव की शुरुआत हुई। सुबह भगवान का अभिषेकम पूरे दक्षिण भारतीय विधि विधान से किया गया। शाम को विश्वकसेन वाहन से भगवान को नगर भ्रमण कराया गया। बुधवार को पहले दिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 6:00 बजे नित्यकटला पूजा की गई। इसके बाद 8:30 बजे बालाजी भगवान का अभिषेकम दूध, दही, घी, फल का रस, चंदन, हल्दी पावडर, अनेक सुगंधित द्रव्यों व कई प्रकार के फूलों से किया गया। अभिषेकम के बाद भगवान का भव्य अलंकार किया गया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार और गोविंदा-गोविंदा से गूंजता रहा। अलंकार के बाद भगवान की आरती की गई और तत्पश्चात भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। एक बार फिर शाम को 6:30 बजे नित्यकटला पूजा के साथ पूजा आरंभ हुई। विश्वकसेन वाहन से भगवान बालाजी ने नगर भ्रमण किए। मंदिर परिसर से भगवान को सिग्नल चौक तक ले जाया गया। लौटने के पश्चात हवन किया गया फिर आरती हुई और भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
इस मौके पर अध्यक्ष सीएच शंकर राव, महासचिव के पांडूरंगा राव के अलावा पी.वी.अप्पा राव, एन. नर्सिग राव, आर.के.मूर्ति, जी.नागेश, पी.एल.राव, कैलाष रामू सी.आर.सीे.राव, सी. हनुमंत राव, एम चंद्रशेखर, पिंटू, के.एस.गोपाल राव, शिवशंकर, एम.गोपाल, मनमद राव समेत कई सदस्य उपस्थित थे।
महिलाओं में रहा उत्साह
पूजन कार्यक्रम को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। ब्रह्मोत्सव को लेकर राममंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। ब्रह्मोत्सव के दौरान होने वाले विभिन्न पूजा कार्यक्रम का संचालन हैदराबाद से राघव आचार्युलु के साथ पांच पुरोहित कर रहे हैं।
-- कल से तीन दिन तक पुरुष बनेंगे रसोइया
-ओडिया समाज का रज उत्सव कल से, उत्कल एसोसिएशन में कार्यक्रम
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ओडिशा के प्रमुख लोक पर्व रज उत्सव को लेकर शहर में भी उत्साह का माहौल है। रज पर्व 14 जून से 16 जून तक मनाया जाएगा। तीन दिन तक ओडि़या समाज की महिलाएं खाना नहीं बनायेंगी। तीन दिन तक पुरुष रसोइया की भूमिका में नजर आयेंगे। इस दौरान तरह-तरह के पकवान भी बनेंगे। रज के दौरान खेती कार्य भी नहीं होगा। 17 जून को बासमती आसन होगा यानी पृथ्वी को नहाया जायेगा। इस दिन जमकर बारिश भी होगी। रज उत्सव को लेकर उत्कल एसोसिएशन साकची की महिला शाखा ने खास तैयारी की है। 14 से लेकर 16 जून तक रोज शाम को कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे।
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