कोल्हान राजनीति के भीष्म पितामह कहे जानेवाले बागुन सुम्बरूई की मनी जयंती Jamshedpur News
कोल्हान प्रमंडल के राजनीतिक क्षेत्र में भीष्म पितामह कहे जाने वाले बागुन सुम्ब्रुई की जयंती सोमवार को चाईबासा सहित अन्य जगहों पर मनाई गई।
चाईबासा/जमशेदपुर (जेएनएन)। कोल्हान प्रमंडल के राजनीतिक क्षेत्र में भीष्म पितामह कहे जाने वाले बागुन सुम्ब्रुई की जयंती सोमवार को चाईबासा सहित अन्य जगहों पर मनाई गई। कांग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद़धांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उनके साथ जुड़ी स्मृतियों को ताजा किया गया।
सांसद, मंत्री, विधायक, विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहे बागुन सुम्बरुई के जयंती के उपलक्ष्य में कांग्रेस भवन चाईबासा में पार्टी के लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया।
50 वर्ष तक कायम रही बागुन की बादशाहत
कोल्हान की राजनीति में लगभग 50 वर्षों तक अपनी बादशाहत रख चुके बागुन सुम्बु्रई का जन्म 1924 में पश्चिम सिंहभूम जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव भूता में हुआ था। प्रारंभिक जीवन भूख, अभाव व गरीबी के बीच गुजरा।
प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल से प्राप्त की तथा जिला स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन गरीबी के कारण बीच में ही स्कूल छोड़ दर्जी का काम शुरू कर दिया। इसी बीच 1946 में 22 वर्ष की उम्र में गांव के मुंडा बन गये। यहीं से शुरू हुई राजनीतिक जीवन में कभी न रुकने वाली यात्रा। पांच बार चाईबासा से सांसद और चार बार विधायक रहे बागुन सुम्बु्रई के पिता मानकी सुम्बु्रई गांव के मुंडा थे।
माता का नाम दशंंमती सुम्ब्रुई था। बागुन सुम्बु्रई वर्ष 1946 में राजनीति में आये। 1967 में पहली बार विधायक चुने गए और बिहार सरकार में मंत्री बनाये गये। इसके बाद 1969 और 1972 में तथा फिर 2004 में चाईबासा से विधायक बने। बागुन बाबू 1977, 1980, 1989 और फिर 2004 में सिंहभूम संसदीय सीट से सांसद चुने गए। झारखंड बनने के बाद 24 अगस्त 2002 को विधानसभा उपाध्यक्ष चुने गये।