पिता के बाद मां-भाई का सिर से उठा साया Jamshedpur News
हाता -चाईबासा मुख्य मार्ग पर एनएच 220 पर रघुनाथपुर के पास हुए हादसे में बिरसानगर के एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत के बाद घर में बची दो बहनों का अब इस दुनिया में कोई नहीं है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : हाता -चाईबासा मुख्य मार्ग पर एनएच 220 पर रघुनाथपुर के पास हुए हादसे में बिरसानगर के एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत के बाद घर में बची दो बहनों का अब इस दुनिया में कोई नहीं है। अब इन बहनों को ही घर की सारी जिम्मेदारी उठानी होगी।
अभिभावक के नाम पर जैतगढ़ वाले जीजा हैं। 18 साल पहले पिता अशोक प्रसाद की मौत हो गई थी तो सोमवार की रात हुए हादसे में मां ऊषा देवी और भाई राहुल कुमार भी चल बसे। मां व भाई को याद कर दोनों बहनें सिंपी और प्रीति रो रही हैं। राहुल के तीन बहनें हैं। बड़ी बहन की शादी जैतगढ़ में हुई है। दो बहनों सिंपी और प्रीति की अभी शादी नहीं हुई है। दोनों अभी पढ़ रही हैं। एक बहन बीए कर रही है। घर में राहुल अकेला कमाने वाला था। परिवार के लोगों को चिंता है कि अब दोनों बहनों की जिंदगी की राह मुश्किल हो जाएगी। सिंपी कहती हैं कि पता नहीं किस्मत में क्या लिखा है। पहले पिता का साया उठ गया था। अब उनकी मां भी चल बसीं।
हादसे में मौत के बाद मोहल्ले में शोक
हादसे में एक साथ परिवार के तीन लोगों की मौत से पूरे मोहल्ले में शोक है। बिरसानगर जोन नंबर पांच के रहने वाले राहुल अपनी बड़ी बहन डिंपी को छोड़ने उसकी ससुराल जैतगढ़ गए थे। वहां वो लौट रहे थे कि रात तकरीबन 10 बजे उनकी कार रघुनाथपुर के पास सड़क किनारे खड़ी ट्रक से जा टकराई। इस हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए। कार पर सवार राहुल कुमार, उनकी मां ऊषा साहू और फुआ प्यारी देवी की मौके पर ही मौत हो गई।
लातेहार से आए रिश्तेदार
घटना की जानकारी मिलने के बाद लातेहार से परिवार के कई सदस्य जमशेदपुर पहुंच गए। लातेहार से आने वालों में उनके चचेरे भाई वीरेंद्र प्रसाद, चाचा मोहन प्रसाद के अलावा रिश्तेदार जीतेंद्र प्रसाद, सोनू कुमार, रंजीत, रांची से दिलीप कुमार, राजेश आदि अंतिम संस्कार में शामिल होने जमशेदपुर आए हैं। राहुल का मकान लातेहार शहर में तेली मोहल्ले में है। उनके पिता स्व. अशोक प्रसाद 20 साल पहले लातेहार से घाटशिला आए थे। वो घाटशिला में कोआपरेटिव बैंक में क्लर्क थे।
टीएमएच में रखवा दिए गए शव
परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद राहुल, ऊषा देवी और प्यारी देवी के शव टाटा मेन हास्पिटल के शीत गृह में रखवा दिए हैं। बुधवार को शवों का अंतिम संस्कार स्वर्णरेखा बर्निग घाट पर किया जाएगा।
ग्रामीण बैंक में क्लर्क थे राहुल
राहुल ग्रामीण बैंक में क्लर्क थे। उन्हें अपने पिता के निधन के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिली थी। पहले वो घाटशिला में तैनात थे। तीन महीने पहले उनका तबादला जमशेदपुर हो गया था। इन दिनों राहुल जमशेदपुर ग्रामीण बैंक में क्लर्क के पद पर तैनात थे।
प्यारी देवी के घर में भी मातम
राहुल की फुआ प्यारी देवी के घर में भी मातम पसरा हुआ है। प्यारी देवी के बेटे मनोज गमगीन हैं। वो बताते हैं कि कई साल पहले पिता मुन्नीलाल का निधन हो गया था। अब मां भी दुनिया से गुजर गई।
गायत्री परिवार से जुड़ी थीं ऊषा साहू
ऊषा साहू गायत्री परिवार से जुड़ी हैं। उन्होंने बिरसानगर में जोन नंबर पांच में बने अपने मकान का नाम भी गायत्री भवन रखा है।