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भाजपा ने कहा बंद को बताया विफल, विपक्ष ने कहा सफल

पेट्रोल और डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ सोमवार को आयोजित बंद पर विभिन्न दलों के नेताओं ने राय व्यक्त की है। जानिए किसने क्या कहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 08:00 AM (IST)
भाजपा ने कहा बंद को बताया विफल, विपक्ष ने कहा सफल
भाजपा ने कहा बंद को बताया विफल, विपक्ष ने कहा सफल

जेएनएन, जमशेदपुर : पेट्रोल और डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ सोमवार को आयोजित भारत बंद को भाजपा ने विफल और विरोधी दलों ने सफल बताया है।

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भाजपा जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि जनता ने बंद को असफल कर विपक्षी दलों को चुनाव पूर्व आईना दिखा दिया है। तेल की बढ़ती कीमत और महंगाई रोकने की दिशा में सरकार के प्रयासों को जनता समझ रही है। जनता मोदी सरकार के साथ है और देश की उन्नति और प्रगति उनके नेतृत्व में आगे भी जारी रहेगी।

झामुमो जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन ने कहा कि विपक्ष द्वारा आहूत भारत बंद पूर्वी सिंहभूम जिले में पूरी तरह सफल रहा। बंद को जनता का साथ मिला। मोदी सरकार तानाशाही से देश की जनता त्रस्त है। पेट्रोलियम पदार्थो की मूल्यवृद्धि का असर किसानों पर अधिक पड़ रहा है।

युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पवन पांडेय ने कहा कि देश में जिस प्रकार पेट्रोलियम पदाथरें की कीमत सरकार ने बढ़ाई है, उससे हर कोई परेशान है। मंहगाई अपने चरम पर है। भाजपा सरकार को मूल्यों में अविलंब कटौती करनी चाहिए। नहीं तो आने वाले चुनाव में जनता सबक सिखाएगी।

आजसू पार्टी के जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने कहा कि शहर में भारत बंद का असर बिल्कुल नहीं रहा। बाजार खुले रहे और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रूप से हुई। विपक्ष के भारत बंद के आह्वान को जनता ने नकार दिया।

झाविमो के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थो की मूल्य वृद्धि के खिलाफ आहूत भारत बंद को झाविमो का नैतिक समर्थन था। बंद का आह्वान जनता की मांगों को लेकर किया गया था। आने वाले समय में विपक्षी एकता इस मुद्दे पर व्यापक आंदोलन खड़ा करेगा।

पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने कहा कि जमशेदपुर में भारत बंद विफल रहा है। इसका मुख्य कारण बंद को व्यापारियों का समर्थन नही मिलना है। बंद का आह्वान करने वालों को चाहिए था कि वे व्यापारी संगठनों के साथ सामाजिक संगठनो से विचार-विमर्श करते और उनसे समर्थन मांगते।


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