साइबर ठगों से रहे सावधान, 12 महीने में गिरोह से जुडे़ 14 ठग पकड़े गए
साइबर ठगी के लिए चर्चित जामताड़ा की तरह जमशेदपुर में साइबर ठग गिरोह सक्रिय है और छोटे-छोटे गिरोह के रूप में काम कर रहे है। ठगी को अंजाम दे रहे है। कोल्हान डीआइजी राजीव रंजन सिंह से लेकर जिला एसएसपी तक साइबर अपराध को पुलिस के लिए चुनौती मानते है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता : देश में साइबर ठगी के लिए चर्चित जामताड़ा की तरह जमशेदपुर में साइबर ठग गिरोह सक्रिय है और छोटे-छोटे गिरोह के रूप में काम कर रहे है। ठगी को अंजाम दे रहे है। कोल्हान डीआइजी राजीव रंजन सिंह से लेकर जिला एसएसपी तक साइबर अपराध को पुलिस के लिए चुनौती मानते है।
लगातार लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है। जमशेदपुर में साइबर ठगों पर नकेल कसने को साइबर अपराध थाना खोला गया। ठग कितने सक्रिय है। इसका अंदाजा बीते एक साल में पुलिस ने 14 ठगों की गिरफ्तारी से लगाएं जा सकते है। प्रदेश के बाहर की भी पुलिस ने भी शहर में दबिश देकर ठगों को गिरफ्तार किया है। साइबर अपराध थाना की पुलिस ने केवल नवंबर में सात ठगों को शहर के विभिन्न इलाकों में छापामारी कर गिरफ्तार किया। अब भी कई फरार है।
सबसे शातिर इंटरनेशनल ठग राहुल केसरी को कोलकाता से दबोचा गया जो बकायदा उससे जुड़े सदस्यों को साइबर अपराध की ट्रेनिंग दे रहा था। उसने आरके ग्रुप के नाम से एक कंपनी भी बना लिया था जिसका निबंधन लंदन से कराया था। 39 लाख रुपए उसने जमा किए थे। कंपनी का लक्ष्य 3500 करोड़ टर्नओवर रखा था। बैंकाक, थाईलैंड और लंदन की भी यात्रा वह कर चुका था। राहुल की गिरफ्तारी से पुलिस दबाव के कारण उसके सहयोगी महेश पोद्दार ने अदालत ने आत्मसमर्पण कर दिया था। उसके गिरोह के चार सदस्य जेल में जनवरी से बंद से है।
गिरोह ने दाे साल में 10 करोड़ की ठगी की। इससे पहले उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने विगत जुलाई को परसुडीह के नामोटोला में दबिश देकर रंजन मिश्रा को गिरफ्तार किया था जिसकी तलाश असम, दिल्ली, हरियाणा और झारखंड पुलिस को थी। वह बिहार के गया जिले का निवासी है।
मुख्यमंत्री, प्रोफेसर, सरकारी ठेकेदार और अधिकारियों के नाम पर उसने ठगी की। 6 नवंबर को जमशेदपुर के गोलमुरी से कुलजीत सिंह की गिरफ्तारी हुई। उससे पूछताछ में मिली जानकारी पर 29 नवंबर को सिदगोड़ा के विकास तिवारी, गोलमुरी के सविंद्रर सिंह, बिरसानगर के दिलप्रीत सिंह, गाेलमुरी टुइलाडूंगरी के रिश्व भारती और जगजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया। गिरोह ने छह माह में दो करोड़ की ठगी लोगों से की। गिरोह के मुख्य सरगना मो. आरिफ और अवतार सिंह फरार है।