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देवघर के पालोजोरी के मुखिया पर बीडीओ नागेंद्र तिवारी का अपहरण कर हत्या का मुकदमा Jamshedpur News

जमशेदपुर निवासी बीडीओ के भाई ने दर्ज कराई प्राथमिकी जांच में जुटी पुलिस। झारखंड प्रशासनिक सेवा के 2013 बैच के अधिकारी थे नागेंद्र तिवारी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 07:32 PM (IST)
देवघर के पालोजोरी के मुखिया पर बीडीओ नागेंद्र तिवारी का अपहरण कर हत्या का मुकदमा Jamshedpur News
देवघर के पालोजोरी के मुखिया पर बीडीओ नागेंद्र तिवारी का अपहरण कर हत्या का मुकदमा Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। देवघर जिले के पालोजोरी प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी जमशेदपुर मानगो निवासी नागेंद्र तिवारी की संदेहास्पद मौत के मामले जुगसलाई थाने में पालोजोरी गांव के मुखिया दाउद आलम पर अपहरण कर हत्या किए जाने और शव को रेलवे लाइन के पास फेंक देने की प्राथमिकी मृतक के बड़े भाई सुरेंद्र तिवारी ने दर्ज कराई है।

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गौरतलब हैं कि नागेंद्र तिवारी का शव जुगसलाई दुखु मार्केट के पास रेलवे ट्रैक पर रविवार रात को मिला था। नागेंद्र तिवारी झारखंड प्रशासनिक सेवा के 2013 बैच के अधिकारी थे। मूल रूप से मानगो पोस्ट ऑफिस रोड के निवासी थे। बीडीओ के भाई ने सोमवार को पालोजोरी के मुखिया पर प्रताडऩा और हत्या किए जाने का आरोप लगाया था।

12 जुलाई को 12 बजे मंदिर जाने की बात कहते निकले थे घर से

जुगसलाई थाना में दर्ज शिकायत में पुलिस को सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि नागेंद्र तिवारी अवकाश पर उनके जमशेदपुर आवास पर आए थे। 12 जुलाई को 12 बजे मंदिर जाने की बात कहते हुए मानगो आवास से निकले थे। शाम सात बजे तक वापस नहीं लौटे। खोजबीन की। जानकारी नही मिलने पर साकची थाना को गुमशुदगी की सूचना दी। 13 जुलाई सुबह जानकारी मिली जुगसलाई थाना के दुखु मार्केट रेलवे लाइन पर किसी ट्रेन की चपेट में आने से उनके भाई की कटकर मौत हो गई हैं। एमजीएम अस्पताल जाकर देखा। पैर में एग्जिमा के दाग, कपड़े और चप्पल से पहचान हुई कि शव नागेंद्र तिवारी का ही है।

स्थानातंरण करा लेने और अगवा कर लेने की दी गई थी धमकी

बताया भाई का विवाद पालोजोरी के मुखिया के गलत कार्य को लेकर था। मुखिया जान से मारने की धमकी देता था। बिल पास कराने को जबरन हस्ताक्षर कराने दबाव बनाया जाता था। धमकी दी जाती थी कि गलत नहीं करोगे तो मुख्यमंत्री से शिकायत करवा देंगे। कहां फेंका दिए जाओगे, पता भी नहीं चलेगा।

मुखिया ने नागेंद्र तिवारी को धमकी दी थी कि पालोजोरी से स्थानांतरण करा लें। मैं मुखिया हूं जब चाहूंगा, जमशेदपुर से भी उठवा लूंगा। इसी चर्चा भाई हमेशा बातचीत में उनसे और परिवार वालों से करते थे कि मुखिया उनके साथ कुछ गलत कर सकता है। नौकरी कर पाना बहुत मुश्किल हो गया हैं। मुखिया और कार्यालय के कर्मचारी भी प्रताडि़त करते थे।

विधायक सरयू राय पहुंचे घर

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय मंगलवार को बीडीओ नागेंद्र तिवारी की मौत की जानकारी पर मानगो पोस्ट आफिस रोड स्थित उनके आवास पर पहुंचे। मृतक के बड़े भाई सुरेंद्र तिवारी और परिजनों से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की। संदेहास्पद मौत के मामले में हर संभव जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया। विधायक के साथ कुलि‍विंदर सिंह पन्नू, प्रवीण सिंह, संतोष भगत, धमेंद्र प्रसाद, जीतू पांडेय, राजेश, आकाश समेत अन्य थे। 

पश्चिमी सिंहभूम के तांतनगर में बालू माफिया के खिलाफ चलाया था अभियान

बीडीओ नागेंद्र तिवारी जहां भी रहे। अपनी ईमानदारी और कार्य के लिए चर्चा में रहे। कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी ङ्क्षसहभूम जिले के तांतनगर प्रखंड में 2016 से 2019 तक प्रखंड विकास पदाधिकारी पद पर थे। गलत काम करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते थे। इसी कार्यशैली के कारण ग्रामीणों में चर्चित थे। उन्होंने बालू माफिया के खिलाफ अभियान चला रखा था जिसके कारण बालू माफियाओं के निशाने पर थे। अवैध रूप से बालू ढुलाई करने वाले वाहनों के टायर की हवा खोल देते थे। टयूब की वॉल्ब को खराब कर देते थे जिसके कारण वाहन वहीं खड़े रह जाते थे। दूसरे दिन बालू उतार कर वाहन चालक चले जाते थे।  ग्रामीणों की किसी भी समस्या के निष्पादन को 24 घंटे तत्पर रहते थे। नागेंद्र तिवारी की संदेहास्पद मौत से इलाके के लोग भी आहत हैं।

तांतनगर में खुलवाई थी लाइब्रेरी 

दिवंगत बीडीओ के भाई सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि भाई जहां भी नौकरी में रहे। वहां क्षेत्र के ग्रामीण बच्चों के लिए कुछ न कुछ जरूर किया। तांतनगर जैसे प्रखंड में बच्चों के लिए लाइब्रेरी खुलवाई। वहां हर दिन बच्चों को जाकर पढ़ाते थे। प्रखंड में लाइब्रेरी खुलने पर दूसरे अधिकारियों ने सीख लेते हुए अपने-अपने प्रखंड कार्यालय परिसर में लाइब्रेरी खुलवा दी। नौकरी के दौरान तांतनगर में शिक्षा को लेकर बड़े अभियान चलाए। वेतन का पैसा गरीब बच्चों की पढ़ाई-लिखाई  और फीस भरने में खर्च करते थे। नागेंद्र तिवारी के पिता मंगल तिवारी जमशेदपुर के साकची जेल में हवलदार थे। नागेंद्र तिवारी ने साकची जेल चौक पर भी गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए एक गुमटी ले रखी थी। जहां वे खाली समय में बच्चों को पढ़ाते थे। 


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