बीडीओ साहब ! आप बहुत कमाए हैं इसलिए; जाने क्यों मची है एक पत्र से प्रशासनिक महकमे में खलबली
बीडीओ साहब मुसाबनी ! आप बहुत कमाए हैं इसलिए पांच लाख पहुंचा दीजिए। पत्र में बुरे अंजाम की धमकी भी है। पत्र से प्रशासनिक महकमे में खलबली मची है।
मुसाबनी (पूर्वी सिंहभूम), जेएनएन। बीडीओ को मिले एक गुमनाम पत्र ने प्रशासनिक महकमे में खलबली मचा दी है। पत्र में कुछ ऐसी ही बातें लिखीं गई हैं जो चिंता में डालने वाली है। मामला पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी का है।
नक्सली कान्हू मुंडा के साथ बीते वर्ष 2017 में कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद से झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबंदा डुमरिया, मुसाबनी का इलाका पूरी तरह नक्सल से भयमुक्त हो गया था।आम लोग एवं सरकारी अधिकारी बिंदास होकर क्षेत्र में घूमकर विकास कार्यों को गति दे रहे थे। लेकिन बीते 14 अगस्त 2019 को मुसाबनी बीडीओ संतोष गुप्ता को कथित नक्सलियों ने डाक द्वारा पत्र भेजकर हर माह पांच लाख रुपये रंगदारी देने की मांग कर दहशत फैला दिया है। हालांकि इस पत्र से बीडीओ संतोष गुप्ता थोड़ा भी विचलित नहीं है।
अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज
मुसाबनी के प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष गुप्ता।
उन्होंने शनिवार को बिंदास होकर अपने कार्यालय में सरकारी फाइलों को निपटाया। इसी बीच कई जांच एजेंसी एवं पुलिस अधिकारियों की टीम ने उनसे इस पत्र के बारे में पूछताछ की। उन्होंने पूरी घटना की जानकारी जांच टीम को दी है। कथित नक्सलियों द्वारा धमकी भरा पत्र के आधार पर बीडीओ ने मुसाबनी थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस पत्र की सच्चाई का पता अनुसंधान के बाद चलेगा। परंतु ये मामला मुसाबनी पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।
दो अधिकारियों की मेहनत लाई थी रंग
तत्कालीन सीनियर एसपी अनूप टी मैथ्यू एवं एसपी अभियान प्रणव आनंद झा के कड़ी मेहनत एवं मजबूत सूचना तंत्र के बदौलत गुड़ाबंदा दस्ता के कई नक्सलियों ने कान्हू मुंडा के नेतृत्व में बीते वर्ष 2017 में आत्मसमर्पण किया था। कान्हू मुंडा के आत्मसमर्पण के बाद क्षेत्र से नक्सली का भय पूरी तरह समाप्त हो गया था, लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी को तथाकथित नक्सली के नाम पर पत्र लिख कर कुछ लोगों ने दहशत फैलाने का काम किया है।
नक्सली लिखते लेटर पैड पर पत्र
जानकार बताते हैं कि नक्सली इस तरह का पत्र नहीं लिखते वे जब भी पत्र लिखते हैं तो लेटर पैड पर लिखते हैं। साथ ही पत्र भेजने की जिम्मेवारी भी वह लेते हैं। पत्र की लिखावट से लगता है कि प्रखंड कार्यालय में बीडीओ के समक्ष किसी की दाल नहीं गली होगी तो लोगों ने दहशत फैलाने के उद्देश्य यह पत्र लिख दिया है। बावजूद प्रशासन ने इस पत्र को चुनौती के रूप में लेते हुए जांच अभियान तेज कर दी है। शनिवार को केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई। जांच टीम के कई अधिकारियों ने बीडीओ से इस संबंध में पूछताछ की है।
चिट्ठी है गुमनाम
शनिवार को नजारत उप समाहर्ता रविंद्र गागराई, मुसाबनी डीएसपी पीतांबर सिंह खेरवार और मुसाबनी थाना प्रभारी सुरेश लिंडा प्रखंड कार्यालय पहुंचकर बीडीओ सह सीओ संतोष गुप्ता से मिले और पूरे मामले पर विचार-विमर्श किया। संतोष गुप्ता ने बताया कि गुमनाम चिट्ठी मिली है। जिसमें मुझसे पांच लाख की रकम मांगी गई है। नहीं देने पर जान से मारने की बात भी उस पत्र में लिखी गई है। मामले में केस दर्ज करा दिया है। उन्होंने कहा कि मैं रोज की तरह अपने कार्यालय में काम कर रहा हूं। मुङो कोई समस्या नहीं है।
जांच एजेंसियों का आना-जाना जारी
डीएसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने कहा कि मामला जो भी हो पुलिस अनुसंधान कर रही है। भेजी गई चिट्ठी के एक एक शब्दों की बारीकी से जांच की जा रही है। इस प्रकार के पुराने मामले के रिकॉर्ड से भी जांच में मदद ली जा रही है। थाना प्रभारी सुरेश लिंडा ने कहा कि जल्द ही पुलिस मामले की तह तक पहुंचेगी। इस बीच शनिवार को दिनभर प्रखंड कार्यालय में कई जांच एजेंसियों का आना जाना लगा रहा।