अब सौरभ तिवारी से ज्यादा अंपायर रविशंकर की कमाई
बीसीसीआई ने अंपायरों व स्कोररों की मैच फीस में दोगुना बढ़ोत्तरी की है। एक घरेलू क्रिकेटर को प्रति मैच प्रति दिन के हिसाब से जो मैच फीस मिलता है, उससे अंपायरों को अधिक मिलने लगा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। अब प्रथम श्रेणी क्रिकेटर सौरव तिवारी व इशांक जग्गी से ज्यादा मैच फीस बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त झारखंड के अंपायर रविशंकर को को मिलेंगे। विश्व की सबसे धनी क्रिकेट संस्था भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने अंपायरों व स्कोररों पर नजरें इनायत की है। दोनों के ही मैच फीस में दोगुना बढ़ोत्तरी की है। ऐसे में एक घरेलू क्रिकेटर को प्रति मैच प्रति दिन के हिसाब से जो मैच फीस मिलता है, उससे अंपायरों को अब अधिक मिलने लगा है। हालांकि क्रिकेटरों को लाभांश भी प्राप्त होता है। अभी घरेलू क्रिकेटरों को प्रति दिन प्रति मैच 35 हजार रुपये मिलते हैं। देश के शीर्ष 20 अंपायरों को चार दिनी व एकदिनी मुकाबले में प्रति दिन 40, 000 रुपये मिलेंगे।
टी-20 के लिए 20 हजार प्रति दिन के हिसाब से मिलेंगे। पहले अंपायरों को प्रति मैच प्रति दिन 20 हजार रुपये मिला करते थे। 2012 के बाद से इनके मैच फी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। इसके अलावा आउटस्टेशन के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 1500 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे, जबकि होम मैच में 1000 रुपये मिलेंगे। पहले यह 750 व 500 रुपये था। मतलब एक अंपायर एक मैच में कम से कम 15 लाख रुपये अपनी झोली में डाल लेंगे। घरेलू क्रिकेटरों को मैच फी के अलावा मीडिया अधिकार से होने वाले कमाई का भी हिस्सा मिलता है। बीसीसीआइ ने मीडिया अधिकार का 13 फीसद राजस्व घरेलू व जूनियर खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रखा है।
प्रथम श्रेणी के क्रिकेटरों को 10.40 फीसद लाभांश मिलता है। सत्र 2016-17 में बोर्ड ने सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के बीच 120 करोड़ रुपये बांटे थे। इस सत्र में यह राशि बढ़ने की संभावना है। झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष बीएन सिंह का कहना है कि अंपायरों व स्कोरर की राशि बढ़ाना स्वागत योग्य है, लेकिन घरेलू क्रिकेटरों को मिलने वाला मैच फीस से अधिक अंपायरों को दिया जा रहा है। पिछले सत्र में शीर्ष 20 अंपायरों ने सीनियर पुरुष टीम के 281 मैच कराए, वहीं बाकी 85 अंपायरों ने जूनियर व महिला टीम के 809 मैच में अंपायरिंग की। मैच रेफरी को एकदिनी व चार दिवसीय मैच में प्रति दिन 30 हजार रुपये के हिसाब से मिलेगा। टी-20 में यही राशि घटकर 1500 रुपये हो जाएगा। पहले इन्हें मैच फीस के रूप में 15000 रुपये मिलते थे। वहीं दैनिक भत्ता के तौर पर 1500 रुपये मिलेंगे।
स्कोरर व वीडियो एनालिस्ट की बल्ले-बल्ले
अंपायरों की तरह स्कोरर व वीडियो एनालिस्ट पर भी बीसीसीआइ ने धनवर्षा की है। देश भर में बीसीसीआइ के 153 स्कोरर हैं। झारखंड के छह स्कोरर बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त हैं। स्कोरर को दस हजार प्रति दिन प्रति मैच के हिसाब से मिलेगा, जबकि टी-20 में यह 2500 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा 750 रुपये दैनिक भत्ता मिलेंगे। एक स्कोरर की कमाई एक सीजन में कम से कम साढ़े तीन लाख के बराबर होगी।
बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त जेएससीए के मैच अधिकारी
अंपायर -सोमनाथ झा, रविशंकर
स्कोरर : दीपक सेठी, एमएस रहमान, परमवीर सिंह, एएम आइच, राजू पांडेय व अमित कुमार तिवारी
वीडियो एनालिस्ट : अभिषेक सिंह, अमित कुमार, संजय कुमार (धनबाद), चंद्रदेव सिंह व संजय कुमार।
अंपायरों व स्कोरर की राशि बढ़ाना स्वागत योग्य है, लेकिन घरेलू क्रिकेटरों को मिलने वाला मैच फीस से अधिक अंपायरों को देना आश्चर्यचकित करता है।
-बीएन सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष, जेएससीए।