जमशेदपुर को औद्योगिक नगर बनाने का बन्ना गुप्ता ने किया विरोध, सरयू राय कर रहे समर्थन
जमशेदपुर को औद्योगिक नगर बनाने का बन्ना गुप्ता ने विरोध किया है। जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने बन्ना से ठीक उलट सरकार के कदम का स्वागत किया है। यह भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड सरकार ने जमशेदपुर को औद्योगिक नगर बनाने की पहल कर दी है। इसे लेकर मंगलवार को झारखंड सरकार के नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे ने रांची में बैठक बुलाई थी, जिसमें कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त डा. मनीष कुमार रंजन, पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार व टाटा स्टील की ओर से प्रबंध निदेशक के प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक के बाद जो बातें सामने आईं, उसके मुताबिक झारखंड सरकार औद्योगिक नगर बनाने की ओर कदम बढ़ा चुकी है। इसके लिए मोटे तौर पर खाका भी पेश कर दिया गया है कि शहर की अवैध बस्तियां, जिसे 86 बस्ती के नाम से जाना जाता है, वापस टाटा स्टील को लौटा दी जाएंगी।
इस निर्णय का झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री व जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक बन्ना गुप्ता ने कड़ा विरोध किया है। बन्ना ने अपने ट्वीट में कहा कि लोकतंत्र में आम जनता को तीसरे मत से वंचित करना लोकतंत्र का अपमान है। यदि जमशेदपुर और मानगो के लोगों गों को तीसरे मत से वंचित किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। अपने ही सरकार के खिलाफ इस तरह का बयान देना किसी के गले नहीं उतर रहा है, क्योंकि दो दिन पहले बन्ना गुप्ता मुख्यमंत्री के साथ तीन दिन तक दुमका में चुनाव प्रचार कर लौटे थे। दुमका उपचुनाव में मुख्यमंत्री के अनुज बसंत सोरेन यूपीए गठबंधन से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हैं।
सरयू ने किया है सरकार के कदम का स्वागत
दूसरी ओर सरकार से बाहर रहने वाले जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने बन्ना से ठीक उलट सरकार के कदम का स्वागत किया है। यह भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि बन्ना ने अपने बयान में जमशेदपुर के साथ मानगो को जोड़कर बयान दिया है, जिससे कई अर्थ निकल रहे हैं। बन्ना चाहते हैं कि उनके विधानसभा क्षेत्र का अहम हिस्सा मानगो में पहले नगर निगम बन जाए, फिर देखा जाएगा। उनके लिए 86 बस्ती या जमशेदपुर का बाकी हिस्सा उतना अहम नहीं है, क्योंकि इस क्षेत्र के बाकी हिस्से पहले से कंपनी क्षेत्र में आते हैं। उधर, सरयू राय इसलिए सरकार के कदम का समर्थन कर रहे हैं कि इसी बहाने सरकार ने उनके द्वारा उठाए गए कदम को तवज्जो दिया है।
सरयू उठाते रहे हैं मालिकाना की मांग
सरयू पहले भी कहते रहे हैं कि कोई नियम बनाकर 86 बस्ती के लोगों को मालिकाना दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास इसी मुद्दे पर पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं, वह भी हर बार उनकी जीत का अंतर बढ़ता जा रहा था। इस पर सरयू राय ने ब्रेक लगाया और उन्हें हराकर जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र की जनता ने उन्हें विधायक चुना है। जाहिर सी बात है कि क्षेत्र की जनता अब सरयू राय से उम्मीद कर रही है कि ये हमें मालिकाना हक दिला सकते हैं। चुनाव के दौरान सरयू ने इस बात का खूब प्रचार किया था, जिससे लोगों की उम्मीद बढ़ गई थी। सरयू को लग रहा है कि सरकार ने उनकी बात मान ली है और यह कवायद मालिकाना हक दिलाने तक पहुंच सकती है।