अपनी मांगों लेकर फिर धरना पर बैठे बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी, जानें क्या है इनकी मांग
फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन के निर्देश पर देश भर में बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के 54 जोनल मुख्यालय और झारखंड के पांच जोनल मुख्यालय के बाहर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। फेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन के निर्देश पर देश भर में बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के 54 जोनल मुख्यालय और झारखंड के पांच जोनल मुख्यालय के बाहर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
झारखंड में रांची जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग जोनल मुख्यालय के बाहर कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को बिष्टुपुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मुख्यालय के बाहर बैंक ऑफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखंड राज्य के कर्मचारी पोस्टर-बैनर के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड में 2200 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इस प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं। बैंक ऑफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखंड स्टेट के उपमहासचिव सपन कुमार अदक का कहना है कि हम कई वर्षो से अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। पिछले दिनों मुख्य श्रमायुक्त दिल्ली व मुख्य श्रमायुक्त मुंबई ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए बैंक प्रबंधन और इम्प्लाइज यूनियन के बीच वार्ता भी शुरू की, लेकिन बैंक प्रबंधन की तरफ से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। ऐसे में बैंक यूनियन द्वारा पांच अक्टूबर को एक दिवसीय हड़ताल की गई। प्रदर्शन के दौरान हमने बैंक के कामकाज को किसी तरह से प्रभावित नहीं किया। जमशेदपुर में बैंक की 102 शाखाएं हैं, जिसके सभी कर्मचारी काला बिल्ला (बैज या रिबन) लगाकर सहयोग कर रहे हैं। प्रदर्शन में झारखंड प्रदेश बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के कामरेड आरबी सहाय, सुजीत घोष, अमिताभ घोष, बैंक ऑफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखंड के पुलक सेनगुप्ता, सत्यजीत गिरि, खुशबू मुंडा, जयसिंह हेम्ब्रम, राकेश नाग सहित अन्य उपस्थित थे।
बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों की मुख्य मांगें
- सभी रिक्त पदों पर हो समुचित बहाली
- सभी कर्मचारियों को बैंक की वित्तीय सुविधा का वाजिब हिस्सा मिले।
- चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति का सरलीकरण हो। बैंक मेडिक्लेम का रिम्बर्समेंट सीधे कर्मचारियों को मिले और फिर उसका भुगतान बीमा कंपनियों को कर दिया जाए।
- कर्मचारियों के लिए प्रमोशन पॉलिसी बने। करियर का विस्तार मिले।
- बैंक ऑफ इंडिया में विनिवेश और निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
- बैंक प्रबंधन द्वारा श्रमिक विरोधी मानसिकता पर रोक लगाई जाए।
- द्विपक्षीय समझौते का अनुपालन हो।