अब हर बुधवार बैंक कर्मी करेंगे प्रदर्शन, जानिए ये हैं कारण
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने निर्णय लिया है कि अब हर बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अधिकारी व कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार द्वारा देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय प्रस्ताव पेश करने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने निर्णय लिया है कि अब हर बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अधिकारी व कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे। इसकी शुरुआत भी हो गई है। जमशेदपुर के बैंक कर्मियों ने बिष्टुपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के सामने जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें केंद्र सरकार व वित्त मंत्रालय के खिलाफ नारेबाजी भी हुई।
अपने संबोधन में फोरम के जमशेदपुर संयोजक रिंटू कुमार रजक ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक का सहयोगी बैंकों के विलय का हश्र ये हो रहा है कि भारत का सबसे बड़ा बैंक, जो कभी घाटे में नहीं रहा, वह पिछली तिमाही घाटे में था। इसके विपरीत देना बैंक लाभ में होने के बावजूद विलय के लिए प्रस्तावित है। विलय के परिणाम में बेरोजगारी बढ़ रही है।
नोटबंदी, आधार लिंकिंग, मुद्रा लोन, जनधन के तहत 15 करोड़ खोलने तथा जीएसटी लागू करने में बैंक कर्मचारियों के योगदान को प्रधानमंत्री ने सीमा पर तैनात सिपाहियों के समक्ष रखा था। ऐसे में विलय की पेशकश कर मोदी सरकार तथा इंडियन बैंक एसोसिएशन (आइबीए) ने बैंक कर्मचारियों के साथ मजाक किया है। सरकार एनपीए (ननपरफार्मिंग एसेट) का बहाना करके अपनी पेशकश को सही बता रही है, जबकि एनपीए में बढ़ोत्तरी के लिए सरकार की गलत नीतियां व बैंक प्रबंधन की अक्षमता जिम्मेदार हैं।
इस मौके पर बीइएफआइ के डीएन सिंह की अध्यक्षता में सभा हुई, जिसे एनसीबीइ के रामजी प्रसाद, इनबोक के अजय सिन्हा व देवेंद्र सिंह, एसबीआइएसएस के रिंटू कुमार रजक, एआइबीओसी काशी प्रसाद, बीइएफआइ के अमित मित्रा ने भी संबोधित किया।