गंगा से पहले अंधविश्वास की सफाई जरूरीः बछेंद्री पाल
गंगा को बचाने के लिए बछेंद्री की सेना पिछले एक महीने से मिशन गंगे अभियान पर थी। पांच अक्टूबर से हरिद्वार से शुरू हुआ यह अभियान मंगलवार को पटना में खत्म हुआ।
जमशेदपुर (जासं)। एवरेस्ट विजेता व पद्मश्री से सम्मानित बछेंद्री पाल का कहना है कि गंगा की सफाई से पहले आस्था के नाम पर समाज में फैले अंधविश्वास की सफाई जरूरी है, तभी गंगा अविरल, स्वच्छ व निर्मल होगी। गंगा को बचाने के लिए बछेंद्री की सेना पिछले एक महीने से मिशन गंगे अभियान पर थी। पांच अक्टूबर से हरिद्वार से शुरू हुआ यह अभियान मंगलवार को पटना में खत्म हुआ। अभियान दल में सात एवरेस्ट विजेता सहित 40 लोग शामिल थे।
बुधवार को बिष्टुपुर स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में बछेंद्री ने कहा, एक ही जिंदगी है। कुछ ऐसा करो लोग वर्षो आपको याद रखें। सपना देखो और उसे पूरा करो। हमने 1994 में भी गंगा सफाई अभियान किया था। उसी समय यह सपना देखा था कि एक दिन पूरे देश में गंगा की सफाई को लेकर जागरूकता अभियान फैलाऊंगी। आज उस मिशन में हम सफल रहे।
ये रहे उपस्थित
पत्रकार सम्मेलन में टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) के मैनेजर हेमंत गुप्ता, एवरेस्टर पूनम राणा, बिनीता सोरेन, प्रेमलता अग्रवाल सहित अन्य मौजूद थे। उन्होंने कहा कि एवरेस्ट पर चढ़ने से भी बड़ी चुनौती गंगा की सफाई है। गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी। बक्सर के घाट देश का सबसे गंदा घाट है।
पटना की स्थिति पहले से बेहतर
पटना की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। अंधविश्वास से ऊपर उठकर गंगा की धारा को अविरल बनाने के लिए आगे आएं। गंगा में लोग पूजा सामग्री डाल और किनारे शौच कर गंदगी फैला रहे हैं। शहर का गंदा पानी भी गंगा में गिर रहा है। हरिद्वार से पटना आने में हमारी टीम ने 55 हजार किलो कचरा निकाला तथा सात लाख लोगों के बीच जागरूकता फैलाई।
महिलाएं आएं आगे
गंगा अंतिम सासें ले रही है। इस स्थिति को बदलना होगा। उन्होंने गंगा की सफाई के लिए महिलाओं और लड़कियों से आगे आने की अपील की। कहा-यदि महिलाएं यह बीड़ा उठाती हैं, तो पुरुष अपने आप उनके साथ आ जाएंगे।